डिलीवरी के लिए स्वास्थ्य केंद्रों में बढेगी सुविधा, डीएमएफ के अंतर्गत अपग्रेड करने का प्लान बनाने के निर्देश

छत्तीसगढ़ दुर्ग
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दुर्ग,12 नवम्बर एएनएस । स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव की सुविधाएं बढाने अधोसंरचना तैयार की जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों के भीतर अतिरिक्त कक्ष और चार-पांच बेड की सुविधा होगी, साथ ही जच्चा-बच्चा के लिए उपयोगी आवश्यक उपकरण भी यहां होंगे। डीएमएफ की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इन स्वास्थ्य केंद्रों को इस लिहाज से अपग्रेड करने इसका प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये गए ताकि अगली बैठक में इसे रखा जा सके। बैठक में 27 करोड रुपए के प्रस्ताव रखे गए। बैठक प्रभारी मंत्री  मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में हुई। इसमें गृह एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू एवं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे सहित अन्य जनप्रतिनिधि सम्मिलित हुए।  बैठक में प्रभारी मंत्री श्री अकबर ने कहा कि डीएमएफ के माध्यम से इसकी गाइडलाइन के अनुरूप उन जरूरी कार्यों को किया जाएगा जो जनता के बुनियादी सरोकार से जुड़े हैं। कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे बुनियादी सरोकार के कार्य इससे पूरे किये जाएंगे। बैठक में दुर्ग विधायक  अरुण वोरा एवं भिलाई विधायक देवेंद्र यादव भी मौजूद रहे। भिलाई विधायक श्री यादव ने भी खेल, पेयजल तथा शिक्षा संबंधी प्रस्ताव रखे। बैठक में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने प्रगति प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि डीएमएफ की योजनाओं से विभिन्न श्रेणियों में तीन लाख छत्तीस हजार लोगों को फायदा हुआ है। स्वास्थ्य केंद्र होंगे अपग्रेड- बैठक में स्वास्थ्य के लिए दो करोड 34 लाख रुपए के प्रस्ताव रखे गए। इनमें उपस्वास्थ्य केंद्रों के जीर्णोद्धार से लेकर उपकरणों के क्रय तथा अन्य सुविधाओं के प्रस्ताव रखे गए। मंत्रियों ने कहा कि स्वास्थ्य सबसे अहम है। प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के लिए मुकम्मल व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए डीएमएफ के माध्यम से हर संभव पहल की जाएगी। प्लैंकटन ग्रोवर देने पर सहमति- परिषद की बैठक में मछला पालन को बढावा देने खनन ग्रामों में पट्टे पर आवंटित तालाबों में आर्गेनिक प्लैंकटन ग्रोवर प्रदान करने 50 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई। एनजीजीबी अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से स्वीकृत डबरी, निजी बाडी खेत में मत्स्य पालन हेतु पांच हजार रुपए प्रति कृषक की दर से अनुदान भी तय किया गया। वहीं बैकयार्ड कुक्कुट पालन के लिए 350 यूनिट का प्रस्ताव भी रखा गया। इसी प्रकार बैकयार्ड बकरी  पालन के लिए 300 यूनिटों की स्वीकृति दी गई। परिषद की बैठक में सूक्ष्म सिंचाई को बढावा देने के लिए 500 नग स्प्रिंकलर सेट किसानों को देने का प्रस्ताव रखा गया। इसमें प्रति यूनिट लागत 25 हजार रुपए में लगभग सत्रह हजार रुपए डीएमएफ तथा आठ हजार रुपए कृषक अंशदान होगा। गौठानों को आजीविका  केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए मिनी राइस मील सह फ्लोर मिल के लिए 42 लाख रुपए रखे जाने का प्रस्ताव आया। बाडी को बढावा देने संबंधी प्रस्ताव रखे गए। जेईई, नीट जैसी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए प्रस्ताव- बैठक में शिक्षा को लेकर अहम प्रस्ताव रखे गए। इनमें मेधावी छात्रों के लिए आईआईटी, जेईई तथा नीट जैसी परीक्षाओं के लिए कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने संबंधी प्रस्ताव रखे गए। साथ ही आर्मी एन्ट्रेंस के लिए कोचिंग पर चर्चा भी की गई।