डीडीए आवास संशोधन को मिली मंजूरी

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 11 मार्च (ए)। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अधिक खरीदारों को आकर्षित करने के उद्देश्य से आवास नियमों में संशोधन को शुक्रवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत ऐसे लोग भी डीडीए की योजनाओं में भाग ले सकेंगे जिनके पास खुद या परिवार के सदस्यों के पास दिल्ली में कोई फ्लैट या भूखंड है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

यह निर्णय उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई एक बैठक के दौरान लिया गया। बैजल दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अध्यक्ष भी हैं।

अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण ने डीडीए (आवास संपदा का प्रबंधन और निस्तारण) विनियम, 1968 में संशोधन को मंजूरी दी।

डीडीए ने एक बयान में कहा, ‘‘अधिक खरीदारों को आकर्षित करने के लिए, प्राधिकरण ने डीडीए आवास नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी है ताकि लोग तब भी डीडीए आवास योजनाओं में भाग ले सकें, यदि उनके या उनके परिवार के सदस्यों के पास दिल्ली में 67 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र का फ्लैट या भूखंड नहीं है।’’

अधिकारियों ने कहा कि नियम 7 में कहा गया है कि केवल वही व्यक्ति डीडीए फ्लैट के आवंटन के लिए पात्र होंगे जिनके पास दिल्ली में फ्लैट या जमीन नहीं है और न ही उनके परिवार के सदस्य के पास है।

आवास प्राधिकरण ने दावा किया कि यह डीडीए फ्लैट की मांग को “काफी हद तक” सीमित कर रहा है।

उसने कहा, ‘‘विकासशील क्षेत्रों के बिना बिके फ्लैट को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पेश किया जा सकता है और फ्लैट के स्वामित्व की कोई शर्त आवेदकों पर लागू नहीं होगी। दूसरे शब्दों में, किसी आवेदक द्वारा बिना बिके फ्लैट को तब भी खरीदा जा सकता है, भले ही उसके पास दिल्ली में कोई फ्लैट या प्लॉट है।’’

डीडीए ने कहा कि सार्वजनिक संस्थाएं (केंद्र या राज्य सरकार के विभाग या संगठन) भी ऐसे बिना बिके फ्लैट के आवंटन के लिए पात्र होंगी।

अधिकारियों ने कहा कि डीडीए द्वारा अनुमोदित प्रस्ताव केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को मंजूरी और प्रस्तावित संशोधनों की अधिसूचना के लिए भेजा जाएगा।

इसके अलावा, राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत करने के लिए प्राधिकरण ने एम्स, दिल्ली परिसर के 79.73 हेक्टेयर से अधिक के क्षेत्र को एक ‘‘विश्व स्तरीय चिकित्सा विश्वविद्यालय’’ के रूप में पुनर्विकसित करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी।