दुष्कर्म के विरोध में गयी थी किशोरी की जान

उत्तर प्रदेश गाजीपुर
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गाजीपुर,09 दिसम्बर एएनएस । जिले के बहरियाबाद थाना क्षेत्र के खाजेपुर मठिया गांव की दलित किशोरी माया की हत्या के रहस्य से पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। बताते चलें कि मृतका माया का लहुलुहान शव गत छह दिसम्बर की सुबह धान के खेत में पाया गया था। वह घटना से कुछ समय पूर्व ही घर से शौच के लिए गयी थी। जिसके विरुद्ध बहरियाबाद थाने में मुकदमा अ0स0- 217/20, धारा-302 भा0द0वि0 बनाम अज्ञात के विरूद्ध पंजीकृत किया गया था।
पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में घटना का सफल अनावरण हेतु तीन टीम बनाकर संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ किया गया। उपरोक्त के क्रम में बयान गवाहन व वादी तथा अन्य परिस्थित जन्य साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त भीम कुमार पुत्र विक्रमा राम निवासी ग्राम खाजेपुर मठिया थाना बहरियाबाद का नाम प्रकाश में लाया गया। अभियुक्त उपरोक्त घटना के दिन से लगातार घर से गायब चल रहा था।
अभियुक्त भीम कुमार की पतारसी सुरागरसी के क्रम में बहरियाबाद थाना तथा एसओजी टीम ने
मुखबिर के सहयोग से उसे अलसुबह पानी टंकी बहरियाबाद तिराहे से उस समय धर दबोचा जब वह कही भागने की फिराक में था।
उपरोक्त जानकारी पुलिस अधीक्षक डा.ओमप्रकाश सिंह ने आज पत्रकार वार्ता में दी। बताया गया कि भीम कुमार पुत्र विक्रमा राम निवासी ग्राम खाजेपुर मठिया, थाना बहरियाबाद, जनपद गाजीपुर उम्र 20 वर्ष जुर्म का इकरार करते हुए बताया कि मेरे गाँव के सूरत राम के धान के कटे खेत में जिस युवती की हत्या हुयी थी, वह मेरे द्वारा की गई थी। उसने बताया कि वह मृतका को बहुत चाहता था। गत 06 दिसम्बर को सुबह करीब 06.10 पर वह शौच करने के लिये जिस खेत में गयी थी। उसी खेत से पहले मैं शौच कर रहा था। उसे देखकर मैं उसके पीछे जा पहुंचा तो वह उठकर खड़ी हो गयी। मैंने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया तो वह विरोध करने लगी व कही कि सब को बता दूगीं। अपनी बदनामी व मुकदमे के डर से मैं एक हाथ से पहने हुये कपड़े को पकड़ कर दूसरे हाथ से मुँह बन्द कर खीच कर थोड़ी दूरी पर ले जाकर पटक दिया व उसके ऊपर बर्बरतापूर्वक बैठकर अपने दोनों हाथों से गले को लगभग 20 मिनट दबाये रहा। उसकी छटपटाहट से मेरे दाहिने हाथ व दाहिने गाल पर खरोच लगे हुये है। मैंने उसके गले पर अपने दाँतों से तेजी से काटा जिससे खून बहने लगा व अपने हाथ के अंगुलियों को मृतक युवती के दोनो नाकों के छिद्रों में घूसेड़ दिया। जब खून बहना शुरू हो गया तो मै समझ लिया कि वह मर गयी।
भीम कुमार के इकबाले जुर्म के बाद पुलिस ने विधिक कारर्वाई करते हुए न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेंज दिया गया।
हत्यारोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम में थानाध्यक्ष राम नेवास, उपनिरीक्षक इष्टदेव पाण्डेय, आरक्षीगण रामकृष्ण सिंह, गुरू प्रसाद, चालक प्रदीप कुमार प्रथम एवं एसओजी प्रभारी श्याम जी यादव मय हमराह मुख्य आरक्षी रामभवन, आरक्षीगण रामप्रताप सिंह, विनय यादव, भाईलाल सोनकर, संजय प्रसाद व चालक ओमप्रकाश सिंह शामिल रहे।