नीतीश ने देश के सबसे बड़े परीक्षा केन्द्र ‘बापू परीक्षा परिसर’ का उद्घाटन किया

राष्ट्रीय
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पटना, 23 अगस्त (ए) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना के कुम्हरार में नवनिर्मित देश के सबसे बड़े परीक्षा केन्द्र ‘बापू परीक्षा परिसर’ का उद्घाटन करने के बाद कहा कि शहर में परीक्षा भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और अन्य जगहों पर इसका निर्माण हो रहा है।.

‘बापू परीक्षा परिसर’ के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत में नीतीश ने कहा, ‘‘हमलोग बहुत पहले से कोशिश कर रहे थे कि पटना में एक बड़ा परीक्षा भवन बने जहां बड़ी संख्या में परीक्षार्थी परीक्षा दे सकें। पटना में परीक्षा भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है और यहां हर दिन परीक्षा हो सकती है।’’.पटना में 261.11 करोड़ रुपये की लागत से करीब छह एकड़ में फैले बापू परीक्षा केन्द्र आधुनिक सुविधाओं से युक्त है ताकि विभिन्न परीक्षाओं के संचालन में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो।

मुख्यमंत्री ने परीक्षा केन्द्र भवन की पहली और पांचवीं पांचवीं मंजिल पर जाकर परीक्षा हॉल एवं विभिन्न कमरों का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।

पांच मंजिला केन्द्र के मुख्य भवन को ए और बी दो ब्लॉकों में बांटा गया है जहां 20 हजार से 25 हजार विद्यार्थियों के ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा देने की व्यवस्था है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वितीय चरण के सुधारों की कार्ययोजना का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने बिहार बोर्ड के मेधावी विद्यार्थियों के लिए इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी हेतु पटना प्रमंडल में निःशुल्क आवासीय अनुशिक्षण (कोचिंग) तथा शेष आठ प्रमंडलीय मुख्यालयों में निःशुल्क गैर आवासीय अनुशिक्षण (कोचिंग) कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि द्वितीय चरण के सुधारों की कार्ययोजना के तहत राज्य के शेष सभी 29 जिलों में परीक्षा भवनों की स्थापना तथा राज्य के सभी 38 जिलों में वज्रगृहों की स्थापना की जाएगी।

इस अवसर पर आज चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है। यह खुशी की बात है।’’

बाद में नीतीश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चन्द्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग कराकर देश ने अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रच दिया है, जिस पर हर देशवासी गौरवान्वित है। यह इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा है। इसके लिए इसरो की पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई।”