न्यायालय ने सहकारिता विभाग के अधिकारी को रिश्वत मामले में बरी किया

राष्ट्रीय
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ठाणे, 22 सितंबर (ए) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक विशेष अदालत ने सहकारिता विभाग के एक अधिकारी को कथित तौर पर 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगने और लेने के मामले में बरी कर दिया है।.

विशेष न्यायाधीश अमित एम शेटे ने 16 सितंबर के अपने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष कथित आरोपी हौसेराव रामचंद्र गावड़े के खिलाफ आरोप साबित करने में विफल रहा और आरोपी को बरी कर दिया।.

विशेष लोक अभियोजक संजय बी मोरे ने अदालत को अवगत कराया कि शिकायतकर्ता ‘ट्रेवल एजेंसी’ में काम करती है और मीरा रोड में एक आवासीय सोसाइटी में रहती हैं।

शिकायतकर्ता उच्च शिक्षा के लिए विदेश गई हुई थीं और 2009 में जब वह वापस आईं तो पाया कि उनका फ्लैट ‘सील’ था। उन्होंने इस बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि रखरखाव शुल्क के बकाया के चलते उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई।

अभियोजक ने बताया कि शिकायतकर्ता ने विशेष अधिकारी गावड़े से संपर्क किया। अधिकारी ने उन्हें बताया कि 12 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ उन पर 56,695 रुपये का बकाया है और कुछ अन्य शुल्क भी हैं।

उन्होंने बताया कि अधिकारी ने फ्लैट की सील खोलने के लिए कथित तौर पर 10 हजार रुपये की भी मांग की।

इसके बाद शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से संपर्क किया, जिन्होंने मामले को सत्यापित किया और अधिकारी को कथित तौर पर रिश्वत लेते हुए पकड़ा।

हालांकि, अदालत ने माना कि रिकॉर्ड पर मौजूद सबूत से रिश्वत लेने का आरोप साबित नहीं होता और आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।