प्रवासी भारतीय ने राम मंदिर में योगदान की अनुमति देने वाले कदम का स्वागत किया

अंतरराष्ट्रीय
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न्यूयॉर्क, तीन जनवरी (ए)। अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियों के बीच यहां प्रवासी भारतीय समुदाय के सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रवासी सदस्यों को मंदिर के विकास में योगदान देने की अनुमति देने वाले कदमों का स्वागत किया है।

सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम भंडारी ने पूर्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की थी कि वह दुनिया भर में प्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के विकास में योगदान देने की अनुमति दें। दुनिया भर में 3.5 करोड़ से अधिक अनिवासी भारतीय (एनआरआई) और भारतीय मूल के लोगों की मौजूदगी का उल्लेख करते हुए भंडारी ने कहा कि उनमें से कई लोग मंदिर के विकास में योगदान देना चाहेंगे। अब श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की वेबसाइट पर भारतीय और गैर-भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए दान और योगदान करने का प्रावधान किया गया है।

वेबसाइट पर कहा गया है कि ट्रस्ट ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) 2010 के तहत पंजीकरण प्राप्त कर लिया है और ‘‘गैर-भारतीय पासपोर्ट रखने वाले भक्त अब स्वेच्छा से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के उद्देश्यों के लिए योगदान कर सकते हैं।’’

‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ राम मंदिर’ संगठन की स्थापना करने वाले भंडारी ने इस कदम का स्वागत किया और दुनिया भर में 3.5 करोड़ भारतीय प्रवासियों के सदस्यों से ट्रस्ट में योगदान करने का आग्रह किया।

भंडारी ने कहा कि उन्होंने ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ राम मंदिर’ संगठन के साथ, नए साल से विश्व स्तर पर प्रवासी भारतीयों से संपर्क करना शुरू कर दिया है और उन्हें अपने स्वैच्छिक दान सीधे मंदिर में भेजने के लिए लिंक प्रदान कर रहे हैं।

राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को किया जाएगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से अधिक लोगों के भव्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने की उम्मीद है।