फलस्तीन मुद्दे पर मोदी सरकार का रुख पूरी तरह भ्रमित: पवार

राष्ट्रीय
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मुंबई, 28 अक्टूबर (ए) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को कहा कि इजराइल-हमास युद्ध के बीच फलस्तीन मुद्दे पर केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के रुख में ‘‘पूरी तरह से भ्रम’’ की स्थिति है।.

उनकी यह टिप्पणी, तत्काल मानवीय संघर्ष विराम के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में लाये गए एक प्रस्ताव पर मतदान से भारत के दूर रहने पर आई है।.हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर किये गये हमले के जवाब में गाजा में की गई इजराइली कार्रवाई में हजारों लोग मारे गए हैं।

पवार ने संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि गाजा पर जिस तरीके से हमले किये जा रहे हैं और अस्पतालों पर बमबारी की जा रही, जिसमें हजारों लोग मारे जा रहे हैं, उसका भारत ने कभी समर्थन नहीं किया है।

पूर्व रक्षा मंत्री पवार ने दावा किया, ‘‘आज, भारत सरकार की नीति में पूरी तरह से भ्रम है। मैंने फलस्तीन और गाजा मुद्दे पर कभी इस तरह का भ्रम नहीं देखा। प्रधानमंत्री का पहला बयान पूरी तरह से इजराइल का समर्थन करता है। जब बाहर से और भारत (के अंदर से) प्रतिक्रिया आई, तब भारतीय विदेश मंत्रालय एक अलग रुख अपनाया और फलस्तीन के समर्थन में बयान दिया।’’

भारत, 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में ‘आम नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी एवं मानवीय दायित्वों को कायम रखने’ शीर्षक वाले मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहा। इस प्रस्ताव में इजराइल-हमास युद्ध में तत्काल मानवीय संघर्ष-विराम और गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया गया था।

यूएनजीए ने जॉर्डन द्वारा लाये गए और बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस तथा दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों द्वारा सह प्रायोजित किये गये मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया।

वैश्विक संस्था ने 14 के मुकाबले 120 मतों से प्रस्ताव को स्वीकृत किया, जबकि 45 सदस्य मतदान से दूर रहें।

इस महीने की शुरुआत में, हमास के हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इजराइल के साथ एकजुटता प्रदर्शित की थी और ‘‘आतंकी हमले’’ की निंदा की थी।

मोदी ने 10 अक्टूबर को अपने इजराइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू से कहा था कि भारत के लोग उनके देश के साथ दृढ़ता से खड़े हैं।

बृहस्पतिवार को विदेश मंत्रालय ने इजराइली शहरों पर हमास के हमलों को ‘‘आतंकी हमले’’ करार दिया था।