भारत की समुद्रयान परियोजना पटरी पर, मानवयुक्त सबमर्सिबल वाहन का निर्माण तेजी से : किरेन रीजीजू

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चेन्नई, आठ जून (ए) समुद्रयान परियोजना के हिस्से के रूप में, समुद्र का पता लगाने के लिए 6,000 मीटर की गहराई तक मानवयुक्त सबमर्सिबल वाहन (पनडुब्बी) भेजने का भारत का मिशन निर्धारित समय के अनुसार आगे बढ़ रहा है और वाहन जल्द ही तैयार हो जाएगा। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।.

यहां का राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) स्वदेशी मिशन पर काम कर रहा है जिसमें ‘मत्स्य 6000’ नामक सबमर्सिबल वाहन में समुद्र के नीचे 6,000 मीटर की गहराई तक जाने वाले तीन लोग शामिल होंगे।.मंत्री ने कहा, “समुद्रयान, जिसमें मानवयुक्त और मानव रहित अन्वेषण शामिल है, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रयास है। मानव रहित मिशन 7,000 मीटर से अधिक गहराई में गया है, जबकि मानवयुक्त मिशन के लिए सबमर्सिबल (पनडुब्बी) निर्माणाधीन है।”

मंत्री ने यहां एनआईओटी में विश्व महासागर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं को बताया, “मैं अपने वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के साथ निर्माण की प्रगति की निगरानी करूंगा। मुझे उम्मीद है कि हम इसे समय पर पूरा कर लेंगे।”

उन्होंने कहा कि भारत को समुद्र के अंदर अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण और अग्रणी भूमिका निभानी होगी और एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सतत तरीके से संसाधनों का विकास करना होगा।

रीजीजू ने कार्यक्रम में कहा, “अंतरिक्ष में अन्वेषण की तरह हमें समुद्र की गहराई में जाकर शोध करने की जरूरत है। हमें और अधिक गहराई तक जाने और भारत को गौरवान्वित करने के लिए तैयार रहना चाहिए… समुद्र में जीवन और जमीन पर जीवन सीधे जुड़े हुए हैं।”