मप्र चुनाव: शिवसेना (यूबीटी) ने लोगों को अयोध्या ले जाने संबंधी भाजपा के चुनावी वादे पर आपत्ति जताई

राष्ट्रीय
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मुंबई, 16 नवंबर (ए) शिवसेना (यूबीटी) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस वादे को लेकर निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा है कि यदि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार सत्ता में बनी रहती है तो वह राज्य के लोगों के लिए अयोध्या में राम मंदिर में ‘दर्शन’ कराने की व्यवस्था करेगी।.

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी ने इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर पूछा है कि क्या उसने आदर्श आचार संहिता में ढील दी है।.पत्र में निर्वाचन आयोग पर भाजपा के पक्ष में ‘‘दोहरे मानदंड’’ अपनाने का आरोप लगाया गया है।

ठाकरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 1987 में महाराष्ट्र के विले पार्ले विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा गया था, जिसके कारण निर्वाचन आयोग ने शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के मतदान के अधिकार को रद्द कर दिया था।

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा, ‘‘हमें लगता है कि (इस बार) आदर्श आचार संहिता में ढील दी गई है। यदि ऐसा है तो हमें इसके बारे में पता होना चाहिए।’’

ठाकरे ने क्रिकेट की शब्दावली का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘‘भाजपा को ‘फ्री हिट’ देना और हमें ‘हिट विकेट’ के रूप में आउट करना स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से चुनाव कराने जैसा नहीं है।’’

केंद्रीय मंत्री शाह ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि यदि भाजपा मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखती है, तो उनकी सरकार राज्य के लोगों के लिए अयोध्या में राम मंदिर में ‘दर्शन’ की व्यवस्था करेगी।

अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी, 2024 को तय की गई है।

भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने भी मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा ही वादा किया था।

ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मई में कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से कांग्रेस को ‘‘दंडित’’ करने के लिए वोट देते समय ‘जय बजरंगबली’ कहने का भी जिक्र किया।

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा किया था और इसके लिए भाजपा ने विपक्षी दल पर निशाना साधा था।