मानसून सत्र के लिए नहीं होगी सर्वदलीय बैठक, चीन के मुद्दे पर जानकारी सार्वजनिक नहीं करेगी सरकार

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली, 13 सितम्बर एएनएस। संसद के कल से शुरू होने वाले मानसून सत्र में विपक्षी तेवरों का जवाब देने के लिए सरकार सतर्क है। कोरोना महामारी के कारण सरकार सत्र के पहले सर्वदलीय बैठक नहीं कर रही है, लेकिन सदन की कार्य मंत्रणा समिति के जरिए विपक्ष के साथ सहमति बनाई जाएगी। कोरोना व चीन दोनों मुद्दों पर सरकार सदन को जानकारी देगी किन्तु चीन के मामले में कोई विशेष जानकारी सार्वजनिक नहीं करेगी। रक्षा मंत्री के भी बयान देने की संभावना है।
मानसून सत्र में सदन का एजेंडा तय करने व सरकार-विपक्ष में सहमति बनाने के लिए कार्य मंत्रणा समिति की बैठकें अहम होंगी। रविवार को यह बैठक होगी। संसदीय कार्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, बैठक में विपक्ष की कार्यवाही को लेकर सरकार सहमत की कोशिश करेगी। कोरोना और चीन के दो बड़े मुद्दों पर सरकार चर्चा के लिए तो तैयार है, लेकिन सबसे पहले उसी पर चर्चा हो यह जरूरी नहीं है।
मंत्रालय का कहना है कि मानसून सत्र विशेष परिस्थितियों में हो रहा है और बहुत सारी चीजें बदली हैं। ऐसे में विपक्ष को भी सकारात्मक व रचनात्मक होना चाहिए। सरकार के एक प्रमुख नेता ने कहा कि एक-दो दिन तो विपक्ष के हंगामे के लिए दिए जा सकते हैं, लेकिन उसके लिए पहले विपक्ष को आगे की कार्रवाई के लिए सहमत होना पड़ेगा।
सरकार ने संकेत दिए हैं कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष के मुद्दों को भी शामिल किया जाएगा और तारीख व समय भी तय कर लिया जाएगा। विपक्ष को भी उसी के अनुसार व्यवहार करना होगा। चीन का मुद्दा संवेदनशील है, जो सामरिक और कूटनीतिक महत्व के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों को भी प्रभावित करता है। ऐसे में सदन में चर्चा के दौरान इस मामले की संवेदनशीलता को भी समझना होगा। हमें किस स्तर तक कहां तक बाहर आकर बोलना है, यह भी तय करना होगा। क्योंकि ऐसे मामलों में बहुत सारी बातें सार्वजनिक नहीं की जाती हैं।
सरकार ने संकेत दिए हैं कि वह खुद भी देश व सदन को जरूरी जानकारी देगी। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के मामले पर और हर्षवर्धन कोरोना पर अपनी तरफ से बयान दे सकते हैं। गौरतलब है विपक्ष खासकर राहुल गांधी इन दोनों मुद्दों पर बेहद हमलावर रहे हैं और वह रुख संसद में भी रहेगा। इसके साथ जीडीपी की भारी गिरावट भी मुद्दा बनेगी।