यूपी में सरकारी स्कूलों में संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती करने की तैयारी

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 06 नवम्बर एएनएस। यूपी में उर्दू शिक्षकों की तर्ज पर सरकारी प्राइमरी व माध्यमिक स्कूलों में भी संस्कृत शिक्षकों की भर्ती किये जाने की तैयारी शासन स्तर पर शुरू की गयी है । इसके लिए सरकार ने स्कूलों में संस्कृत व उर्दू पढ़ने वाले बच्चों की संख्या का विवरण मांगा गया है। यह जानकारी देते हुए सूत्रों ने बताया कि गत तीन नवम्बर को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में स्कूलों में संस्कृत शिक्षकों की भर्ती की बात हुई। सूत्रों ने बताया कि
प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में उर्दू पढ़ाने वाले शिक्षक तो हैं लेकिन संस्कृत के नहीं हैं। जबकि माध्यमिक में संस्कृत शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हैं। प्राइमरी में संस्कृत के शिक्षकों की कभी भर्ती नहीं हुई। क्योंकि पद ही नहीं सृजित किए गए। जबकि उर्दू शिक्षकों की भर्ती कई बार हुई। सरकार संस्कृत की पढ़ाई पर भी जोर दे रही है।

इसी के चलते प्राइमरी और माध्यमिक दोनों स्कूलों में संस्कृत के शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव है। तीन नवंबर को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के अलावा कई और मंत्री शामिल थे। माध्यमिक और प्राइमरी में कितने संस्कृत शिक्षकों की भर्ती होगी यह अभी तय नहीं है। अभी इसके लिए कई स्तर पर मंजूरी होनी है। 
 
उर्दू व संस्कृत दोनों की टीईटी हुई लेकिन भर्ती केवल उर्दू की हुई
बेसिक शिक्षा विभाग ने 2013-14 में टीईटी परीक्षा कराई थी। इसमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू तथा संस्कृत में भी टीईटी परीक्षा हुई। लेकिन तत्कालीन सरकार ने केवल उर्दू शिक्षकों की भर्ती की। संस्कृत शिक्षकों की भर्ती नहीं की गयी। प्राइमरी स्कूलों में पद भी नहीं सृजित किए गए।
बैठक में प्राइमरी में शिक्षकों की भर्ती के लिए अनिवार्य योग्यता में ग्रेजुएशन में एक विषय संस्कृत रखने पर चर्चा हुई। शासन के एक बड़े अधिकारी ने बताया की 2013 में तत्कालीन सरकार ने संस्कृत और उर्दू दोनों की टीईटी कराई थी। ऐसा इसलिए किया गया ताकि कोई विरोध न कर सके। लेकिन भर्ती केवल उर्दू की हुई।