राम मंदिर कभी चुनावी मुद्दा न था और न कभी होगा : प्रधानमंत्री मोदी

राष्ट्रीय
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उधमपुर (जम्मू एवं कश्मीर): 12 अप्रैल (ए) अयोध्या में राम मंदिर को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए ‘चुनावी मुद्दा’ बताने को लेकर विपक्षी खेमे पर तीखा हमला करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यह देश के लोगों के लिए आस्था का विषय है।

उन्होंने कांग्रेस पार्टी और उसके सहयोगियों की मानसिकता की तुलना मुगलों से की और कहा कि उन्हें मंदिरों में तोड़फोड़ करके मजा आता था। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार अपने वोट बैंकों को मजबूत करने के लिए सावन के महीने के दौरान मांस पकाने के वीडियो दिखाकर विपक्षी नेता बहुसंख्यक समुदाय को चिढ़ाने का काम करते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘आपने देखा होगा कि कांग्रेस को राम मंदिर से कितनी नफरत है। मंदिर का जिक्र होने पर कांग्रेस और उसका पूरा इकोसिस्टम चिल्लाने लगता है। उनका कहना है कि राम मंदिर भाजपा के लिए चुनावी मुद्दा है। यह कभी चुनावी मुद्दा न था और न कभी चुनावी मुद्दा होगा।’’

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मोदी ने उधमपुर में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के लिए प्रचार अभियान शुरू किया, जो आगामी लोकसभा चुनावों में उधमपुर सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं।

मोदी ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन तब शुरू हुआ था जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का जन्म ही नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘यह उस समय का मुद्दा था जब अंग्रेज आने वाले थे। यह 500 साल पुराना मामला है जब चुनाव के बारे में कोई विचार ही नहीं था।’’

मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ठुकराने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘‘यह किस तरह का चुनावी खेल था कि आपने इस पवित्र कार्यक्रम के न्योते को अस्वीकार कर दिया? यह कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए एक चुनावी मुद्दा है, जबकि यह देश के लोगों के लिए श्रद्धा और विश्वास का मामला है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर सहिष्णुता की जीत है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह 500 साल के लंबे इंतजार के बाद मिली जीत है। जब विदेशी आक्रांताओं ने मंदिरों में तोड़फोड़ की तो भारत के लोग अपने धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए लड़े। उन्होंने अपने विश्वास की रक्षा के लिए सबसे खराब परिस्थितियों का सामना किया।’’

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि जब रामलला एक तंबू में रह रहे थे तो वे बड़े बंगलों में रह रहे थे। उन्होंने कहा कि लोग बारिश के दौरान तंबू बदलवाने के लिए इधर-उधर भागते थे, लेकिन उन्हें अदालती मामलों की धमकी दी जाती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘राम को आराध्य मानने वालों करोड़ों लोगों की आस्था पर यह हमला था। हमने इन लोगों को बताया था कि एक दिन राम अपने मंदिर में लौटेंगे। तीन चीजें मत भूलना- एक, 500 साल की लड़ाई के बाद अब यह एक वास्तविकता है। क्या आप सहमत हैं? दूसरे, यह न्यायपालिका की पूरी प्रक्रिया के माध्यम से किया गया है। इसे अदालत के एक फैसले और इसकी न्याय वितरण प्रणाली द्वारा जांचा गया है। तीसरा, भारत के लोगों ने मंदिर के निर्माण के लिए एक-एक पैसे का योगदान दिया है, सरकार ने नहीं।’’

मोदी ने कहा कि मंदिर के ट्रस्टियों ने मंदिर के लिए संघर्ष करने वालों के खिलाफ विपक्षी नेताओं द्वारा किए गए ‘पापों’ के लिए उन्हें माफ करने के बाद उन्हें घर जाकर आमंत्रित किया लेकिन उन्होंने निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया।

मोदी ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि जब आप दिन-रात उसके खिलाफ बोल रहे थे तो किस चुनाव मुद्दे के तहत ऐसा कर रहे थे? भगवान राम के हर भक्त ने आपका अहंकार देखा है जब आपने उस सबसे बड़े आयोजन को नजरअंदाज कर दिया, जिससे करोड़ों लोग जुड़े हुए थे।’’

उन्होंने दावा किया कि न्योते को अस्वीकार करना इन दलों का चुनावी ‘गेम प्लान’ था। उन्होंने कहा, ‘‘यह कैसी मजबूरी थी कि आपने कहा कि राम काल्पनिक हैं? आप किस वोट बैंक के लिए यह सब कह रहे थे? कांग्रेस और इंडिया गठबंधन को देश के बहुसंख्यक लोगों की परवाह नहीं है। वे अपनी भावनाओं का अपमान करने में खुशी महसूस करते हैं।’’

सावन के महीने में कुछ नेताओं के मांस खाने और इसका वीडियो वायरल करने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘सावन के महीने में वे एक ऐसे व्यक्ति के घर गए जिसे अदालत ने सजा सुनाई थी और जो जमानत पर है और मटन पकाया। उन्होंने देश के लोगों को चिढ़ाने के लिए इसका वीडियो बनाया।’’