राहुल को अयोग्य ठहराना लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’, कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगे: कांग्रेस

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 24 मार्च (ए) कांग्रेस ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’ है और वह मोदी सरकार के इस ‘सुनियोजित कदम’ के खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी।.

पार्टी ने यह भी कहा कि अडाणी समूह के मामले और जनहित के कई अन्य मुद्दे उठाने तथा सरकार से जवाब मांगने की कीमत राहुल गांधी को चुकानी पड़ी है।.इस घटनाक्रम पर आगे की रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार शाम को यहां स्थित पार्टी मुख्यालय में बुलाई गई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक जारी है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘‘मोदी सरकार को सबसे ज़्यादा डर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी से लगता है। लोकतंत्र की हत्या करने लिए उन्होंने गांधी की संसद सदस्यता रद्द की है। वे सच बोलने वालों का मुंह बंद करना चाहते हैं।’’

खरगे ने कहा, ‘‘देशवासी यह तानाशाही नहीं सहेंगे। लोकतंत्र की हिफ़ाज़त के लिए हम जेल तक जाएंगे। हम जेपीसी की मांग करते रहेंगे।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया जाना ताबूत में आखिरी कील है। यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है। यह मोदी सरकार का सुनियोजित कदम है, ताकि संसद में राहुल गांधी की आवाज को बंद कर दिया जाए। हम इससे कानूनी और राजनीतिक रूप से निपटेंगे। सच की जीत होगी।’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि गांधी परिवार की रगों में जो खून दौड़ता है, उसकी एक ख़ासियत है कि यह परिवार कभी नहीं झुका और कभी नहीं झुकेगा।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेंगे। हम धमकी के आगे नहीं झुकेंगे और खामोश नहीं होंगे। प्रधानमंत्री से जुड़े अडाणी महाघोटाले में जेपीसी बनाने के बजाय राहुल गांधी को अयोग्य ठहरा दिया गया। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।’’

बाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने, जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने, चीनी घुसपैठ पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने, अडाणी महाघोटाले पर प्रधानमंत्री से सवाल पूछने और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के माध्यम से देश को जोड़ने की क़ीमत चुकानी पड़ी है।’’

कांग्रेस प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘‘यह मुद्दा कानूनी होने से पहले राजनीतिक है। इस सरकार ने सुनियोजित ढंग से हर लोकतांत्रिक संस्था को खत्म करने का प्रयास किया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने बार-बार संसद के भीतर और संसद के बाहर निडर होकर अपने विचार रखे हैं। उन्होंने हर विषय पर और जनता के हित में बात रखी है। वह आज इसकी कीमत चुका रहे हैं। ’’

सिंघवी ने इस मामले के कानूनी पहलुओं का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमें पूरा भरोसा है कि दोषसिद्धि पर स्थगन आदेश मिलेगा। लोकसभा सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाना अदालत द्वारा दोषसिद्धि का परिणाम है।’’

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनकी अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।

अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है।