विपक्ष ने तीन दशक तक महिला आरक्षण विधेयक रोके रखा: प्रधानमंत्री मोदी

राष्ट्रीय
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वडोदरा, 27 सितंबर (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को तीन दशकों तक ”रोका”, और अब जब विधेयक पारित हो गया है तो वे महिलाओं को जाति और धर्म के आधार पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं।.

उन्होंने कहा कि विपक्षी नेताओं ने यह सुनिश्चित करने के लिए अतीत में “मैच फिक्सिंग” की थी कि विधेयक को संसद की मंजूरी नहीं मिले, इसलिए महिलाओं को उनसे “सावधान” रहना चाहिए।.मोदी ने संसद के दोनों सदनों में विधेयक पारित होने के लिए यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा धन्यवाद देने के लिए आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही, जिसमें हजारों महिलाओं ने भाग लिया।

उन्होंने कहा, “इस गलतफहमी में मत रहिए कि उन्होंने (विपक्ष ने) अपना रवैया बदल लिया है। उन्होंने विधेयक का समर्थन किया है क्योंकि वे आपसे डरते हैं। उन्होंने तीन दशक तक महिला आरक्षण विधेयक को रोकने के लिए हर संभव कोशिश की। जरा उनका पिछला ट्रैक रिकॉर्ड जांचें। उन्होंने हर तरह के बहाने बनाए, विधेयक को फाड़ दिया और हर तरह का नाटक किया।”

उन्होंने कहा, “इन लोगों ने अतीत में विधेयक को रोकने के लिए एक-दूसरे के साथ मैच फिक्सिंग की थी। उन्होंने इसे लोकसभा में पारित किया, लेकिन राज्यसभा में रोक दिया। यह उनका काम था। अब, जब मोदी इसे करने में कामयाब रहा है, तो वे महिलाओं के बीच विभाजन पैदा करने की साजिश कर रहे हैं। यह ‘इंडिया’ नहीं है (विपक्षी गठबंधन का जिक्र करते हुए), ये ‘घमंडिया’ हैं।”

मोदी ने कहा कि महिलाओं को इस ‘साजिश’ के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए और विपक्ष से कहना चाहिए कि महिलाओं के बीच विभाजन पैदा न करें।

उन्होंने कहा, “वे इस विधेयक को पारित करने के इच्छुक नहीं थे। यही कारण है कि उन्होंने ‘किंतु, परंतु’ जैसी अभिव्यक्तियों का उपयोग करके विभिन्न प्रश्न उठाए। वे अब महिलाओं को जाति और धर्म के नाम पर विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि उन्होंने (विपक्षी दलों ने) अनिच्छा से इस विधेयक को अपना समर्थन दिया है, इसलिए मैं महिलाओं से उनसे सावधान रहने का आग्रह करता हूं।”

कांग्रेस ने विधेयक पर मतदान करते हुए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए कुल 33 प्रतिशत आरक्षण में ओबीसी महिलाओं के लिए कोटा की मांग की थी।

एआईएमआईएम ने विधेयक का विरोध करते हुए मुस्लिम महिलाओं के लिए कोटा की मांग की।

मोदी ने यह दावा भी किया कि अतीत में जब उन्होंने उज्ज्वला योजना, घर में शौचालय योजना और महिलाओं के लिए बैंक खाते जैसी महिला समर्थक योजनाएं शुरू कीं तो विपक्षी दलों ने उनका मजाक उड़ाया था।

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे महिला स्वयं-सहायता समूह (एसएचजी) ग्रामीण महिलाओं को “लखपति दीदी” बना रहे हैं।

उन्होंने एक महिला का उदाहरण दिया जिसने स्वयं-सहायता समूह से प्राप्त आय से अपने पति के लिए ऋण पर ट्रैक्टर खरीदा।

प्रधानमंत्री ने कहा, “उस लखपति दीदी से मिलने के बाद, मैंने देश भर में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का संकल्प लिया है।”

मोदी ने कहा, “हम अब स्वयं-सहायता समूहों की महिलाओं को ड्रोन चलाना सिखाएंगे। हम इन समूहों को ड्रोन देंगे। इन ड्रोनों का इस्तेमाल खेतों में उर्वरक और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किया जाएगा। महिलाएं अब ड्रोन तकनीशियन बनेंगी और इस आधुनिक कृषि पद्धति का उपयोग करके ग्रामीण क्षेत्रों में काम करेंगी। ये महिलाएं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देंगी।”