हिंसा समाप्त करने के लिए मणिपुर सरकार को बर्खास्त किया जाये: कांग्रेस

राष्ट्रीय
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मुंबई, 30 जून (ए) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल रमेश बैस से शुक्रवार को मुलाकात की और उनसे हिंसा प्रभावित मणिपुर की सरकार को बर्खास्त किए जाने की पार्टी की मांग से राष्ट्रपति को अवगत कराने का अनुरोध किया।.

बैस को इस आशय का ज्ञापन सौंपने वाले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी की राज्य इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान ने किया। उनके साथ अल्पसंख्यक समूहों तथा ईसाई संगठनों के प्रतिनिधि और आदिवासी नेता भी थे।.ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘मणिपुर के लोगों ने दो महीने से अधिक समय तक बड़ी मानवीय त्रासदी देखी है। जातीय समूहों के बीच जबरदस्त हिंसा में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी, उनके घर नष्ट कर दिये गये हैं और उन्हें पलायन करने को मजबूर होना पड़ा।’’

इसमें कहा गया है कि मणिपुर की परंपरा सभी जातीय समूहों और धर्मों को अपनाने की रही है।

ज्ञापन में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस मुद्दे पर नहीं बोल रहे हैं और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा पूर्वोत्तर राज्य में शांति कायम करने में विफल रहा है।

इसमें कहा गया है, ‘‘हमारा अनुरोध है कि राष्ट्रपति मणिपुर सरकार को बर्खास्त करें और हिंसा तथा घृणा पर तत्काल रोक लगाने के लिए राष्ट्रपति शासन की घोषणा करें।’’

ज्ञापन में दावा किया गया है कि मणिपुर लगातार जल रहा है और 12,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गये हैं और केंद्र कई अनुरोधों के बावजूद कोई सहायता प्रदान करने में विफल रहा है।

गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।