रुझानों में राजग को निर्णायक बढ़त के साथ ही जद(यू) मुख्यालय में जश्न की शुरुआत

पटना बिहार
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पटना: 14 नवंबर (ए)) बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जारी मतगणना के रुझानों में राज्य की 243 सीटों में से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 186 सीटों पर निर्णायक बढ़त हासिल करने के साथ ही यहां जनता दल (यूनाईटेड) मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर, एक-दूसरे को गुलाल लगाकर और ढोल बजाकर जश्न की शुरुआत कर दी।भारतीय जनता पार्टी 81 सीटों पर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड) 80 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे है। चिराग पासवान की लोजपा (आरवी) 22 सीटों पर आगे चल रही है

शुरुआती रुझान के अनुसार, ‘इंडिया’ गठबंधन के मुख्यमंत्री पद उम्मीदवार एवं राजद नेता तेजस्वी यादव राघोपुर सीट पर आगे चल रहे हैं। मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) उम्मीदवार ओसामा शहाब रघुनाथपुर सीट पर 725 मतों से आगे हैं और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विकास कुमार सिंह पीछे हैं।

भाजपा उम्मीदवार उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर सीट पर 2,690 मतों से आगे हैं जबकि राजद के अरुण कुमार पीछे हैं। उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा लखीसराय में आगे हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के बेटे और जेजेडी संस्थापक तेज प्रताप यादव महुआ सीट पर चौथे स्थान पर हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के संजय कुमार सिंह इस सीट पर सबसे आगे हैं।

जमुई सीट पर भाजपा उम्मीदवार श्रेयसी सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के मोहम्मद शमसाद आलम से 2,539 मतों से आगे हैं। अन्य प्रमुख प्रत्याशियों में चर्चित लोकगायिका मैथिली ठाकुर आगे हैं। अधिकारियों के अनुसार, राज्य की 243 विधानसभा सीटों की मतगणना सुबह आठ बजे शुरू हुई, जिसमें आयोग के मानकों के अनुरूप सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की गई। ईवीएम की गिनती सुबह 8.30 बजे से शुरू हुई। दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को सम्पन्न हुए बिहार चुनावों को राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे नीतीश कुमार की महत्वपूर्ण राजनीतिक परीक्षा माना जा रहा है।जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना उन पर परोक्ष निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बिहार की राजनीति “अपरिपक्वता और हताशा के खतरनाक मेल” की ओर बढ़ रही है, जो अब “घातक” होता जा रहा है। चौधरी की यह टिप्पणी उस समय आई जब बिहार विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है और शुरुआती रुझानों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विपक्षी महागठबंधन से आगे दिखाई दे रहा है। चौधरी ने यहां ‘ बातचीत में कहा कि कुछ नेता “बार–बार रीसेट करने और बिना पर्याप्त दूरदृष्टि अथवा वैचारिक आधार के नीतियां लाने” की प्रवृत्ति दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, “राजग दो-तिहाई बहुमत से जीत रहा है। हम जीत में भी विनम्र रहना जानते हैं। लेकिन कुछ नेता न तो परिपक्वता दिखाते हैं, न स्थिरता। यही चिंता का विषय है।” यह टिप्पणी उन्होंने परोक्ष रूप से पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ओर निशाना साधते हुए की। जदयू नेता ने दावा किया कि हर कीमत पर सत्ता हथियाने की हड़बड़ी में संस्थागत मानदंडों और लोकतांत्रिक आचरण पर दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “अपरिपक्वता और हताशा का यह संयोजन किसी तरह से घातक बन जाता है; यह लोकतंत्र के लिए स्वस्थ नहीं है।” सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस तरह की आशंका जताई है कि कुछ करीबी मुकाबलों में जिला निर्वाचन अधिकारी चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। चौधरी ने इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा, ‘‘कोई अधिकारी किसी को जितवा या हरवा नहीं सकता। निर्वाचन आयोग की एक मजबूत प्रणाली है। कोई अपनी गर्दन फंसाएगा नहीं।” चौधरी ने कहा, “जिलाधिकारी या निर्वाचन अधिकारी के पास कुछ अधिकार जरूर होते हैं, लेकिन कोई भी किसी के लिए अपने करियर को जोखिम में नहीं डालेगा, अपनी गर्दन नहीं कटवाएगा।” उन्होंने आरोप लगाया कि मतगणना के दौरान ऐसे ही ‘धारणाओं’ का इस्तेमाल जनमत को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है। चौधरी ने कहा, “आखिरकार लोकतंत्र हताशा के आगे नहीं झुकता। संस्थाएं अब भी मजबूत हैं। जमीन की हकीकत आज भी जनता के हाथ में है।”