यूपी में भी एनटीपीसी की एक और यूनिट बंद,बिजली का संकट गहराया

उत्तर प्रदेश रायबरेली
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रायबरेली, 10 अक्टूबर (ए)। देश में इस समय कोयले के अभाव के चलते बिजली उत्पादन में भारी गिरावट से सम्पूर्ण उत्तर भारत में बिजली के लिए त्राहि त्राहि मची हुई है। स्थितियां सुधरने के बजाय गंभीर होती जा रही हैं। इस बीच शनिवार रात कोयले के अभाव में एनटीपीसी ऊंचाहार की एक और यूनिट को बन्द कर दिया गया है।

करीब एक सप्ताह पहले कोयले के अभाव में एनटीपीसी में 500 मेगावाट क्षमता वाली यूनिट नंबर छह को बन्द कर दिया गया था । कोयले की आपूर्ति को सुधारने के लिए एनटीपीसी और कोल इंडिया लिमिटेड के अधिकारी प्रयास कर रहे थे कि एनटीपीसी ऊंचाहार की स्थिति और खराब हो गई। शनिवार की रात को 210 मेगावाट वाली यूनिट नंबर दो को भी बन्द करना पड़ा है। अब ऊंचाहार परियोजना का उत्पादन 1550 मेगावाट के सापेक्ष घटकर बमुश्किल साढ़े चार सौ से पांच सौ मेगावाट रह गया है। फिलहाल 210 मेगावाट प्रत्येक यूनिट क्षमता की कुल पांच यूनिटें चल तो रही हैं , लेकिन उन्हें आधे भार पर चलाया जा रहा है। ऊंचाहार परियोजना को इस समय केवल दो मालगाड़ी कोयला मिल रहा है, जबकि पूरी यूनिट चलाने के लिए रोज आठ मालगाड़ी कोयले की जरूरत है। इस बीच शनिवार को एक भी मालगाड़ी नहीं आई। इसके कारण एनटीपीसी के भंडारण में सुरक्षित 18 हजार मीट्रिक टन कोयला भी खत्म हो गया है । अब ऊंचाहार एनटीपीसी का कोयला भंडारण खाली हो गया है
एनटीपीसी ऊंचाहार से झारखंड कोयला खदानों में भेजे गए अधिकारियों के दल ने जो रिपोर्ट भेजी है , उसके अनुसार कोयला संकट की स्थित फिलहाल सुधरने वाली नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बरसात अधिक होने के कारण कोयला खदानों में अभी पानी भरा हुआ है। जिससे कोयले का उत्पादन प्रभावित है। कोल माइंस में कोयले के लिए मारामारी है। देश के विभिन्न राज्यों के अलावा बिजली उत्पादन करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों ने भी कोयले के लिए दबाव बनाया हुआ है ।  
एनटीपीसी ऊंचाहार से बिजली देश के नौ राज्यों को आपूर्ति की जाती है । यह बिजली उत्तरी ग्रिड के माध्यम से जाती है जिसमें उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , राजस्थान , हिमाचल प्रदेश , हरियाणा , दिल्ली , पंजाब , जम्मू कश्मीर शामिल है । बिजली उत्पादन घटने और बिजली की मांग बढ़ने के कारण ग्रिड नियंत्रक एन आर एल डी सी ( नार्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर ) ने भी विद्युत परियोजनाओं पर दबाव बनाया है । किन्तु कोयले की उपलब्धता न होने के कारण बिजली परियोजनाओं ने हाथ खड़ा कर दिया है । ऊंचाहार परियोजना में उत्पादन अब एक तिहाई रह गया है जिसका सीधा असर उपरोक्त राज्यों पर पड़ रहा है ।
एनटीपीसी की जनसंपर्क अधिकारी कोमल शर्मा ने बताया कि कोयले की समस्या है , किन्तु प्रयास जारी है । कोल इंडिया के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा ।