नयी दिल्ली: छह अक्टूबर (ए)) भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बी. आर. गवई की ओर कथित रूप से जूता फेंकने का प्रयास करने के मामले में आरोपी अधिवक्ता राकेश किशोर को सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
यह अभूतपूर्व घटना सोमवार सुबह करीब 11:35 बजे अदालत कक्ष संख्या-एक में उस वक्त हुई जब 71-वर्षीय अधिवक्ता राकेश किशोर ने अपने जूते उतारकर उन्हें प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर फेंकने का प्रयास किया। सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी अधिवक्ता को तुरंत हिरासत में ले लिया।
सुरक्षाकर्मियों ने आरोपी अधिवक्ता को तुरंत हिरासत में ले लिया। बीसीआई के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा की ओर से जारी अंतरिम निलंबन आदेश में कहा गया है कि आरोपी का यह आचरण अदालत की गरिमा के प्रतिकूल है और अधिवक्ताओं की आचार संहिता तथा अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
बीसीआई ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि दिल्ली विधिज्ञ परिषद (बीसीडी) से संबद्ध अधिवक्ता राकेश किशोर ने अदालत की कार्यवाही के दौरान प्रधान न्यायाधीश की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया, जो गंभीर कदाचार है। निलंबन की अवधि में आरोपी अधिवक्ता किसी भी न्यायालय, प्राधिकरण या अधिकरण में पेश नहीं हो सकेंगे और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी।
इसके साथ ही बीसीडी को निर्देश दिया गया है कि वह अधिवक्ता की सदस्यता स्थिति को अद्यतन करे और अपने क्षेत्राधिकार के सभी न्यायालयों एवं अधिकरणों को निलंबन की जानकारी दे। बीसीआई ने यह भी कहा कि अधिवक्ता को जारी किया गया पहचान पत्र, पास या किसी भी प्रकार की पहुंच की अनुमति (प्रोक्सिमटी) इस आदेश की अवधि में अमान्य रहेगी।
बीसीडी को आदेश प्राप्त होने के दो दिनों के भीतर अधिवक्ता को आदेश की प्रति उनके पंजीकृत पते और ईमेल पर भेजने तथा अनुपालन रिपोर्ट बीसीआई को सौंपने का निर्देश दिया गया है। इसके अतिरिक्त, अधिवक्ता राकेश किशोर को 48 घंटे के भीतर अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने को भी कहा गया है