चित्रकूट जेल कांड: जेलर और जेल अधीक्षक किये गये सस्पेंड

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 14 मई (ए)। यूपी के
चित्रकूट जेल के अंदर शुक्रवार को हुई सनसनीखेज वारदात की प्रारंभिक रिपोर्ट मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जेलर और जेल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया है। कई अन्य पर तलवार लटक रही है। वारदात के तत्काल बाद सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लेते हुए महानिदेशक कारागार आनंद कुमार से इस मामले में रिपोर्ट तलब की थी।
निर्देशित किया था कि आयुक्त चित्रकूट डीके सिंह, पुलिस महानिरीक्षक चित्रकूट के. सत्यनारायण और उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय संजीव त्रिपाठी की संयुक्त टीम से इस घटना की जांच कराकर रिपोर्ट छह घंटे के अंदर दी जाए। देर शाम प्रारंभिक रिपोर्ट मिलते ही सीएम योगी ने कार्रवाई करते हुए जेल अधीक्षक एसपी त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को सस्पेंड कर दिया है। इस बारे में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने आदेश जारी किये। विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद कई और लोगों पर गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है। गौरतलब है कि चित्रकूट की हाई सिक्योरिटी सुरक्षा से लैस रगौली जेल शुक्रवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठी थी। सीतापुर के शार्प शूटर अंशुल दीक्षित उर्फ अंशू ने दो कुख्यात अपराधियों मुकीम काला और मेराजुद्दीन को गोलियों से भून डाला था। बाद में पुलिस ने अंशुल को भी मार गिराया। अंशुल और पुलिस के बीच जेल के अंदर करीब आधे घंटे मुठभेड़ चली। मारा गया अपराधी मेराजुद्दीन मुख्तार गैंग का शातिर गुर्गा था। शातिर अपराधी अंशुल दीक्षित करीब डेढ़ वर्ष से चित्रकूट जेल में बंद है।
वेस्ट यूपी का गैंगस्टर मुकीम काला निवासी शामली और पूर्वांचल के मुख्तार गैंग का गुर्गा वाराणसी निवासी मेराजुद्दीन को कुछ दिन पहले चित्रकूट जेल में लाया गया था। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे अंशुल ने मौका पाकर पिस्टल से दोनों बदमाशों पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। जब तक सुरक्षाकर्मी कुछ समझ पाते, कई राउंड गोलियां मुकीम और मेराजुद्दीन पर उतार दीं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने अंशुल को ललकारा और आत्मसमर्पण करने को कहा, लेकिन उसने सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह पुलिस की गोली से मारा गया।