अदालत ने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट सरकारी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, छह अप्रैल (ए) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार को चार दिन के भीतर नगर निकाय चुनाव के लिए गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया।.

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने विकास अग्रवाल की याचिका पर पारित किया।.अदालत ने राज्य सरकार को चार दिन के भीतर रिपोर्ट अपलोड करने का आदेश दिया और अंत में याचिका का निस्तारण कर दिया।

लखीमपुर खीरी निवासी विकास अग्रवाल ने निघासन नगर पंचायत में आरक्षण को लेकर 30 मार्च, 2023 को जारी सरकारी अधिसूचना को चुनौती दी थी।

पिछले महीने, उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने शहरी निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण के मुद्दे पर गौर करने के लिए गठित आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।

याचिका में कहा गया था कि रिपेार्ट में ओबीसी आरक्षण तय किया गया और उसके खिलाफ छह अप्रैल तक आपत्तियां मांगी गयी है किन्तु सरकार रिपेार्ट नहीं दे रही है तो आपत्ति किस प्रकार तैयार की जाये।

पूर्व आदेश के अनुपालन में बृहस्पतिवार को अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने पीठ के सामने रिपेार्ट पेश किया जिसे देखने के बाद पीठ ने उसे वापस कर दिया।

त्रिपाठी ने आगे कहा कि हालांकि नियमों में ऐसा प्रावधान नहीं है कि रिपेार्ट की कापी याची को दी जाये किन्तु यदि अदालत आदेश देगी तो रिपेार्ट को नगर विकास विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जायेगा। सरकार की ओर से यह वक्तव्य आने के बाद अदालत ने सरकार को आदेश जारी कर दिया।

सुनवायी के दौरान त्रिपाठी ने याची के अधिवक्ता गौरव को 31 मार्च को जारी अधिसूचना की प्रति दे दी जिसमें राजनीतिक रूप से पिछड़े वर्ग के सूची शमिल है।

अदालत के सामने यह बात भी आयी कि याची अग्रवाल बिरादरी का है जो कि ओबीसी श्रेणी में नहीं आती।

इससे पहले याची के अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने दलील दी थी कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और 30 मार्च की अधिसूचना पर आपत्ति दाखिल करने के लिए छह अप्रैल की अंतिम तिथि नियत कर दी गई। याचिकाकर्ता ने कहा था कि राजनीतिक तौर पर जिन जातियों को पिछड़ी जाति माना गया है, उनकी सूची भी सार्वजनिक नहीं की गई है।

उन्होंने पीठ को यह भी बताया था कि आपत्ति दाखिल करने की अंतिम तिथि छह अप्रैल, 2023 है।