40 दिन में इंजीनियर,व डॉक्टर बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़

राष्ट्रीय
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मोहाली (पंजाब), 04 फरवरी (ए)।पंजाब में मोहाली पुलिस ने कम पढ़े-लिखे व स्टडी गैप वाले युवकों से मोटी रकम लेकर उन्हें प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी और संस्थानों की फर्जी डिग्रियां मुहैया करवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। गिरोह के शातिर कई साल में नहीं, बल्कि 30-40 दिन में ही युवकों को इंजीनियर, डॉक्टर, अकाउंटेंट, एमबीए, बीटेक, एमटेक की फर्जी डिग्रियां सौंप देते थे। इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है। गिरोह के
शातिर पंजाब, हिमाचल, यूपी, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश समेत कई शहरों में स्थित 16 सरकारी और निजी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां जारी कर रहे थे। इनसे बड़ी संख्या में पुलिस ने जाली दस्तावेज, मुहर, होलोग्राम, कंप्यूटर और अन्य उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस ने इस गिरोह के पांच शातिर गिरफ्तार किए हैं। 
शातिरों की पहचान निर्मल सिंह निम्मा गांव करतारपुर थाना मुल्लांपुर गरीबदास, विष्णु शर्मा निवासी निधि हाई कॉलोनी मथुरा (यूपी), सुशांत त्यागी, संचालक वीर फाउंडेशन डिस्टेंस एजुकेशन मेरठ और आनंद विक्रम सिंह निवासी सेक्टर-2, वैशाली गाजियाबाद (यूपी), अंकित अरोड़ा, निवासी फतेहपुर, सियालवा, मोहाली के रूप में हुई है।  एसएसपी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी देहात डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल और डीएसपी जीरकपुर अमरोज सिंह ने इस गिरोह का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पांचों शातिरों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज किए गए हैं। आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और कई और खुलासे हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक जीरकपुर थाना पुलिस जीरकपुर-कालका रोड पर गश्त कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी भोले-भाले युवकों से उनके असली दस्तावेज लेकर इन पर दी गई पूरी जानकारी के आधार पर उन्हें जाली सर्टिफिकेट और डिग्री बनाकर देते हैं। इसके बाद पुलिस ने सबसे पहले एक शातिर निम्मा को गिरफ्तार किया।
इसके बाद आरोपियों ने उससे पूछताछ के बाद इस गिरोह के अन्य शातिरों को गिरफ्तार कर लिया। इस गिरोह के सदस्यों ने कई राज्यों के लोगों को ठगा है। पुलिस अब उनके सभी अकाउंट और संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटा रही है। वहीं, पुलिस ने गिरफ्तार शातिरों के बारे में सभी राज्यों की पुलिस को अलर्ट भेजा है।