बिहार में चार युवकों ने पहले नाबालिग से किया गैंगरेप, फिर घर में जिंदा जलाया

बिहार मुजफ्फरपुर
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मुजफ्फरपुर, 13 जनवरी एएनएस। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज इलाके में एक 12 वर्षीया नाबालिग के साथ चार युवको ने पहले गैंगरेप किया और बाद में उसके ही घर के कमरे में उसे जिंदा जला दिया । इस मामले में पंजाब से लौटने के बाद पिता ने आवेदन दिया तो मंगलवार को एफआईआर दर्ज हुई। गैंगरेप व हत्या की इस घटना में गांव के ही चार युवकों को आरोपित किया गया है। पीड़िता के शव का दाह संस्कार भी कर दिया गया। जानकारी के अनुसार पीड़िता गांव में अपने दादा-दादी व बड़ी बहन के साथ रहती थी। पिता पंजाब में मजदूरी करता है। एसएसपी जयंतकांत ने बताया कि एसडीपीओ सरैया इसकी जांच कर रहे हैं। जांच रिपोर्ट अपने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फरार आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी में जुटी है। 
थाने को दिए रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तीन जनवरी की है। आरोपितों ने दिन के 10 बजे पीड़िता के साथ उसके कमरे में गैंगरेप किया। फिर अपने साथियों (नामजद आरोपित) के साथ उसे कमरे में ही जिंदा जला दिया। शव को ठिकाने लगाते हुए पीड़िता की बड़ी बहन ने आरोपितों को देख लिया। इससे पहले वह घर के कमरे से धुआं निकलने पर अपने घर पहुंची थी। उस दौरान वह यह सब देखी और इसकी जानकारी अपने परिजन को दी। दादा-दादी को भी इससे अवगत कराया। 
आवेदन के अनुसार, बीते साल 5 दिसंबर को भी आरोपितों ने पीड़िता का का गैंगरेप करते हुए वीडियो बनाया था। उसकी अश्लील फोटो भी मोबाइल से खींचा। इसके बाद से आरोपित उसे बार-बार ब्लैकमेल करता था जब वह आने में आनाकानी करने लगी तो आरोपितों ने उक्त वीडियो को वायरल करने की धमकी दी। इसके बाद तीन जनवरी को गैंगरेप भी किया और वीडियो वायरल भी कर दिया। घटना के बाद पीड़िता की बड़ी बहन ने अपने पिता को इसकी जानकारी दी। वे पांच जनवरी को गांव पहुंचे। इसके बाद ग्रामीणों ने उनपर दबाव बनाया कि थाना में केस दर्ज नहीं हो। ग्रामीण स्तर पर ही आरोपितों को दंडित किया जाए। इसको लेकर दोनों पक्ष के लोगों ने कई दौर की पंचायत की। लेकिन, बात नहीं बनी। पीड़िता के पिता को दूसरे पक्ष के लोगों की शर्त मंजूर नहीं थी। ग्रामीण स्तर पर पंचायत में बात नहीं बनने पर इसकी जानकारी साहेबंगज के एक जनप्रतिनिधि को दी गई। वे सोमवार को पीड़िता के गांव पहुंचे। दोनों पक्षों से मुलाकात की। लेकिन, लड़की के पिता ने उनकी बात नहीं मानी। काफी मान मनौव्व्ल भी किया। लेकिन, पिता एफआईआर कराने पर अड़े थे। इसके बाद जनप्रतिनिधि भी लौट गए। इसके बाद मंगलवार को थाने में पीड़िता के पिता ने आवेदन दिया है जिसकी पुष्टि साहेबगंज थानेदार अनुप कुमार ने की है। साहेबगंज मामले में भी स्थानीय पुलिस की भूमिका संदेहास्यपद है। आवेदन मिलने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं करना पुलिसिंग पर सवाल उठता है। 
पीड़िता के पिता ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वे गांव पहुंचे। सात जनवरी को ग्रामीणों को पंचायत के लिए बुलाया। लेकिन, इसमें कोई सटीक निर्णय नहीं निकल सका। इसके बाद वे आठ जनवरी को साहेबगंज थाने में आवेदन दिया। लेकिन, पुलिस ने मामला दर्ज नहीं की। फिर बीते सोमवार को भी पंचायत बुलायी गई। इसमें भी कोई निर्णय नहीं निकला। सभी लोग केस मैनेज करने को लेकर दबाव बना रहे थे। लोक लज्जा का हवाला दे रहे थे। लेकिन, वह नहीं माने जब मंगलवार को आवेदन की जानकारी लेने थाना पर पहुंचा तो उस वक्त तक केस नहीं हो सका था। उन्होंने कहा कि मेरे पूछने के बाद केस दर्ज हुआ। एसएसपी ने बताया कि पुलिस लापरवाही की जांच हो रही है। जांच में दोषी होने पर कार्रवाई होगी। 
पीड़ित के पिता ने बताया कि उसकी पत्नी का निधन 2016 में हो गया था। उन्हें सिर्फ तीन बेटी है।  बड़ी की शादी कर चुके हैं। वहीं दो पुत्री दादा-दादी के साथ गांव में रहती थी। वह पंजाब में एक फैक्ट्री में मजदूरी करता है। बताया कि इस घटना के बाद से वे लोग दहशत में है। कहीं से कोई सुरक्षा नहीं मिला है।