नामांकन वापसी को लेकर विधायक और पूर्व ब्लॉक प्रमुख भिड़े, पिस्टल निकली

उत्तर प्रदेश लखीमपुर खीरी
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लखीमपुर खीरी 11 अप्रैल (ए)। यूपी के लखीमपुर खीरी में त्रिस्तरीय  पंचायत चुनाव के लिए किए गए नामांकन वापस को लेकर रविवार को विधायक और निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख में किसी बात को लेकर बवाल हो गया और दोनो लोगो में नोंक-झोंक के बाद देख लेने की धमकी दी गई। जानकारी के अनुसार नकहा ब्लाक में रविवार को बीडीसी प्रत्याशियों के पर्चे वापसी को लेकर भाजपा के सदर विधायक योगेश वर्मा और निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख पवन गुप्ता के बीच टकराव हो गया। खुलेआम धक्का-मुक्की और गाली-गलौज होने लगा। हाथापाई भी हुई। इस दौरान असलहे भी लहराए गए। इससे पूरे ब्लाक परिसर में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया। सूचना पाकर डीएम और एसपी मौके पर पहुंच गए। किसी तरह मामला शांत कराया। 
नकहा ब्लाक के गांव बंजरिया से पांच लोगों ने बीडीसी सदस्य पद के लिए पर्चा भरा था। इसमें एक प्रत्याशी भाजपा से सदर विधायक योगेश वर्मा की बहू है। बताया जाता है कि आपसी समझौते से चार प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र वापस लेना चाहते थे, जो रविवार को नकहा ब्लाक परिसर में आए हुए थे। यहां नकहा से निवर्तमान ब्लाक प्रमुख पवन गुप्ता भी अपने समर्थकों के साथ खड़े थे। बताया जाता है कि निवर्तमान ब्लाक प्रमुख पर्चा वापसी के विरोध में थे। इसकी भनक जब सदर विधायक योगेश वर्मा को लगी तो वह तुरंत मौके पर पहुंच गए। विधायक कह रहे थे कि पर्चा वापसी होगी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोनों गुटों से गाली गलौज और धक्का-मुक्की होने लगी।

विधायक और निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख एक-दूसरे से खुलेआम भिड़ गए और एक-दूसरे को देख लेने की धमकी देने लगे। इस विवाद के कई वीडियो वारयल हुए हैं। एक में  ब्लॉक प्रमुख के भाई संजय पर  लाइसेंसी रिवाल्वर निकालने का भी आरोप है। यह देखकर वहां मौजूद भीड़ में अफरा तफरी मच गई। कुछ लोग संजय गुप्ता को खींचकर पीछे ले गए और रिवाल्वर अंदर रखवाई। बवाल की सूचना पाकर सदर एसडीएम डॉ. अरुण कुमार सिंह और सीओ सिटी अरविंद वर्मा मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत कराया। दोनों पक्ष ब्लॉक परिसर से बाहर चले गए। इसी बीच सूचना पाकर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह और एसपी विजय ढुल फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। आसपास के थानों की फोर्स भी मौके पर बुला ली गई। देखते देखते पूरा ब्लॉक परिसर छावनी में तब्दील हो गया। तब कहीं जाकर फिर से ब्लॉक परिसर में नाम वापसी और चुनाव चिन्ह वितरण की प्रक्रिया शुरू हो सकी।