पीएम मोदी ने किया काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण,विरोधियों पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश वाराणसी
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वाराणसी,13 दिसंबर (ए)। वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करने के साथ ही विरोधियों पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने बिना किसी का नाम लिये कहा कि जब मैं बनारस आया तो एक विश्वास लेकर आया था। विश्वास अपने से ज्यादा बनारस के लोगों का था। तब कुछ लोग जो बनारस के लोगों पर संदेह करते थे। वह लोग कहते थे कि कैसे होगा? होगा ही नहीं। कहते थे कि यहां तो ऐसा ही चलता है। मोदी जैसे बहुत आकर चले गए। मुझे आश्चर्य होता था कि बनारस के लिए कैसे इस तरह की धारणाएं बना दी गई थीं। 
मोदी ने कहा कि मुझे पता था कि ये जड़ता बनारस की नहीं थी। हो भी नहीं सकती थी। इसमें थोड़ा बहुत राजनीति और थोड़ा निजी स्वार्थ था। बनारस पर आरोप लगाए जा रहे थे लेकिन काशी तो काशी है। काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है। यहां महादेव की सरकार है। 
मोदी ने कहा कि जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हो उस काशी को भला कौन रोक सकता है। काशी खंड में भगवान शिव ने खुद कहा है कि बिना मेरी प्रसन्नता के काशी में कौन आ सकता है, कौन इसका सेवन कर सकता है। काशी में महादेव की कृपा के बिना न कोई आता है, और न ही कुछ होता है। यहां जो भी होता है महादेव की इच्छा से होता है। जो भी हुआ महादेव ने ही किया है। 
मोदी ने भोजपुरी में कहा कि इ विश्वनाथ धाम बाबा आपन इच्छा से बनइले हउवन, उनके इच्छा के बिना पत्ता भी नाही हिल सकेला, कोई केतना बड़ा होई तो अपने घरे के होई। मोदी ने कहा कि बाबा के साथ किसी और का योगदान अगर यहां है तो वह बाबा के गणों का है। बाबा के गण यानी हमारे सारे काशीवासी, जो खुद महादेव के ही रूप हैं। जब भी बाबा को अपनी शक्ति का एहसास कराना होता है कुछ न कुछ करा देते हैं। 
मोदी ने कहा कि काशी आते ही सारे बंधनों से मुक्ति मिल जाती है। आज विश्वनाथ धाम अत्यंत उर्जा से भरा हुआ है। इसकी विशेषता आसमान छू रही है। यहां जो प्राचीन मंदिर लुप्त हो गए, उन्हें भी पुनर्स्थापित किया जा चुका है। बाबा अपने भक्तों की सेवा से प्रसन्न हुए हैं। इसलिए उन्होंने आज के दिन का हमें आशीर्वाद दिया है। यह पूरा परिसर केवल भवन नहीं है, यह सनातन संस्कृति का प्रतीक है। यहर आध्यात्मिक आस्था और भारत की प्राचीनता, उर्जाशीलता का प्रतीक है। प्राचीनता और नवीनता एक साथ सजीव हो रही हैं।