कोरोना संकट में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन को 16000 में बेचने वाले को पुलिस ने किया गिरफ़्तार

इंदौर मध्य प्रदेश
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इंदौर,15 अप्रैल (ए)। कोरोना संक्रमण के बढ़ते संकट के बीच मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में पुलिस ने जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले एक शख्स को उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वह शख्स एक रेमडेसिविर इंजेक्शन को 16000 रुपये में बेच रहा था। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इस इंजेक्शन की भारत में काफी डिमांड है। इंदौर में कोरोना फिर से कहर बरपा रहा है। कोरोना संक्रमण के इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन को कारगर बताया जा रहा है। इसलिए इसकी मांग बढ़ती जा रही है। एक-एक इंजेक्शन को लेकर मारामारी हो रही है। कोरोना पीड़ितों के परिजन सुबह से लेकर शाम तक धूप में खड़े होकर रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इस दौरान इस इंजेक्शन की कालाबाजारी भी शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में एमआईजी पुलिस को एक पीड़ित ने सूचना दी थी कि एक व्यक्ति उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक में बेचने के लिए आ रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस ने जाल फैलाया और आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह इंडेक्स कॉलेज में नर्सिंग स्टाफ के तौर पर काम करता है। उसने अपना नाम शोएब शेख बताया। पकड़े गए आरोपी के पास से एक रेमडेसिविर इंजेक्शन भी बरामद किया गया है। जिसे आरोपी करीब 16 हजार रुपये में बेचने के लिए आया था। थाना प्रभारी विनोद दीक्षित ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 188 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है हालांकि WHO पहले ही साफ कर चुका है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के इलाज में प्रभावी नहीं है। फिर भी भारत में कोरोना मरीजों के लिए इसकी मांग बढ़ती जा रही है। यहां तक कि कई राज्यों में सरकार इसे खरीद रही है।