उच्चतम न्यायालय ने विपक्ष को झटका दिया : मोदी

राष्ट्रीय
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हैदराबाद, आठ अप्रैल (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसी के कथित मनमाने इस्तेमाल के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाले कुछ राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए शनिवार को कहा कि शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका खारिज करके इन दलों को करारा ‘‘झटका’’ दिया है।.

मोदी ने कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने और उद्घाटन करने के बाद यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार से सहयोग की कमी के कारण तेलंगाना में कई केंद्रीय परियोजनाओं के पूरा होने में देरी हो रही है।.

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव सिकंदराबाद और तिरुपति के बीच वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाए जाने के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। उन्होंने तेलंगाना में कई विकास परियोजनाओं के शिलान्यास एवं उद्घाटन कार्यक्रमों में भी भाग नहीं लिया। राव एक साल से अधिक समय से राज्य में मोदी के दौरों में उनके कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए हैं।

मोदी ने राव की अगुवाई वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) नीत सरकार से राज्य के लोगों के वास्ते विकास की योजनाओं में कोई बाधा नहीं पहुंचाने की अपील की। उन्होंने राज्य में केंद्र की योजनाओं को लेकर सत्तारूढ़ दल के कथित असहयोग पर ‘दुख’ व्यक्त किया।

उन्होंने वंशवाद की राजनीति की निंदा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने वंशवादी ताकतों के भ्रष्टाचार की असली जड़ पर प्रहार किया है जो हर व्यवस्था पर अपना नियंत्रण रखना चाहती हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ना चाहिए या नहीं? हमें भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लड़ना चाहिए या नहीं? देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना चाहिए या नहीं? क्या भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाने चाहिए, भले ही वे (भ्रष्टाचारी) बड़े हों या नहीं। क्या कानून को भ्रष्टाचारियों के खिलाफ काम करने देना चाहिए या नहीं?’’

उन्होंने कहा कि इसलिए ‘‘ये लोग’’ परेशान है और वे गुस्से में सब कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने किसी का नाम लिये बिना कहा, ‘कुछ दिन पहले कुछ राजनीतिक दल न्यायालय में संरक्षण मांगने गए थे कि कोई उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की मांग न करे। वे न्यायालय गए, लेकिन न्यायालय ने उन्हें झटका दे दिया।’

कांग्रेस के नेतृत्व में 14 राजनीतिक दलों ने हाल में उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विपक्षी नेताओं और असहमति के अपने मौलिक अधिकार का इस्तेमाल करने वाले अन्य नागरिकों के खिलाफ कठोर आपराधिक मुकदमों में खतरनाक वृद्धि हुई है।

शीर्ष अदालत ने याचिका पर विचार करने से मना करते हुए कहा कि नेताओं के पास ‘उच्चतर प्रतिरक्षा’ नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने पांच अप्रैल को इस याचिका पर विचार करने को लेकर अनिच्छा व्यक्त की थी।

उन्होंने यहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए किसी का नाम लिए बिना कहा कि ‘परिवारवाद’ और ‘भ्रष्टाचार’ एक दूसरे से अलग नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां ‘‘परिवारवाद’’ होता है वहीं ‘‘भ्रष्टाचार’’ पनपता है।

मोदी ने कहा कि वंशवाद और उसकी राजनीति का मूल मंत्र सभी पर नियंत्रण रखना है।

उन्होंने कहा कि वंशवादी हर प्रणाली पर अपना नियंत्रण चाहते हैं और यदि कोई उनके नियंत्रण को चुनौती देता है, तो उन्हें यह कतई नहीं भाता।

मोदी ने उनकी सरकार द्वारा प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) प्रणाली और देश भर में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने का उदाहरण देते हुए कहा कि वंशवादी ताकतें इस बात पर नियंत्रण रखना चाहती है कि किस लाभार्थी को क्या लाभ मिलेगा और इसके तीन अर्थ हैं।

मोदी ने कहा कि पहला अर्थ है- परिवार की हमेशा प्रशंसा की जानी चाहिए, दूसरा अर्थ है कि भ्रष्टाचार के जरिए आ रहा धन परिवार के पास आता रहना चाहिए और तीसरा अर्थ यह है कि जो धन गरीबों को भेजा जाता है वह भ्रष्ट पारिस्थितिकी तंत्र को मिलता रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है, जबकि मुट्ठी भर लोग विकास आगे बढ़ने से गुस्से में हैं।

मोदी ने कहा कि वंशवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालों का देश हित और समाज के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा कि वे केवल अपने परिवार की समृद्धि देखना पसंद करते हैं और ये लोग हर परियोजना एवं निवेश में अपने परिवार का स्वार्थ देखते हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘तेलंगाना को ऐसे लोगों के खिलाफ बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।’’

उन्होंने समग्र राष्ट्रीय विकास में राज्य की प्रगति की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र की परियोजनाओं के प्रति राज्य सरकार का असहयोग तेलंगाना के लोगों के सपनों को प्रभावित कर रहा है।

मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव देख रही है, लेकिन भारत अनिश्चितता के इस दौर में उन देशों में से एक है, जो बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण में रिकॉर्ड राशि का निवेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए 10 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए।

इससे पहले मोदी ने हैदराबाद में सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर सिकंदराबाद-तिरुपति वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

इस ट्रेन के शुरू होने से तेलंगाना के सिकंदराबाद और पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर के बीच यात्रा के समय में करीब साढ़े तीन घंटे की कमी आएगी, जिससे विशेष रूप से तीर्थयात्रियों को फायदा होगा।

यह तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच संचालित होने वाली दूसरी वंदे भारत ट्रेन है।

मोदी ने कहा कि नयी वंदे भारत ट्रेन सेवा देवी भाग्य लक्ष्मी के मंदिर के शहर (हैदराबाद) को तिरुपति में भगवान श्री वेंकटेश्वर के निवास से जोड़ती है।

उन्होंने कहा कि रेल पटरियों पर भारत के गौरव का प्रतीक वंदे भारत पूरे देश में प्रौद्योगिकी और पर्यटन को जोड़ रहा है। वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाने से पहले मोदी ने ट्रेन का संक्षिप्त निरीक्षण किया और स्कूली छात्रों एवं चालक दल के सदस्यों (लोको पायलट) से बातचीत की।

मोदी ने तेलंगाना में कई महत्वपूर्ण रेल विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया, जिसमें 720 करोड़ रुपए की लागत से सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास तथा सिकंदराबाद-महबूबनगर परियोजना के दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित करना शामिल है।

उन्होंने तेलंगाना की राजधानी के उपनगरीय खंड में 13 नयी मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमएमटीएस) ट्रेन सेवाओं को भी हरी झंडी दिखाई।

मोदी ने हैदराबाद के परेड ग्राउंड में 11,300 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया।