सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मीडिया की रिपोर्टिंग को लेकर शिकायतें बंद करें संवैधानिक संस्थाएं

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली, 06 मई (ए)। कोरोना के बढ़ते केस के बीच चुनाव कराए जाने पर मद्रास हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग को लेकर दी गई ‘हत्या’ वाली टिप्पणी के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बृृहस्पतिवा को अपना फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ वाली पीठ ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर शिकायत करना बंद करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 19 सिर्फ नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी नहीं देता बल्कि, यह मीडिया को भी बोलने का अधिकार देता है। मद्रास हाई कोर्ट कि टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
आयोग ने इन टिप्पणियों को ‘अनावश्यक और अपमानजनक’ बताते हुए कहा था कि उसके खिलाफ हत्या के आरोपों वाली मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी को लेकर मीडिया में लगातार चर्चा हो रही है।

उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणियों पर कहा कि बिना सोचे-समझे की गई टिप्पणियों की गलत व्याख्या किए जाने की आशंका होती है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मीडिया को अदालत की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि, कोविड-19 फैलने के लिए निर्वाचन आयोग को जिम्मेदार ठहराने वाली मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणियों को कठोर बताया। गुरुवार को फैसला सुनाते समय जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि दो संवैधानिक संस्थाओं के बीच शक्ति संतुलन को लेकर उठे एक नाजुक सवाल ने फिर से भारत में बोलने की आजादी के एक बड़े मुद्दे को जागृत कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मद्रास हाई कोर्ट के औपचारिक आदेश में वह टिप्पणी नहीं है जिसपर चुनाव आयोग ने आपत्ति जाहिर की है। 
इससे पहले सोमवार को इस मामले की सुनवाई हुई थी। उस दौरान भी सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया था मीडिया को कोर्ट की टिप्पणी की रिपोर्टिंग करने से रोका नहीं जा सकता है। पीठ ने कहा था कि लोकतंत्र में मीडिया महत्त्वपूर्ण एवं शक्तिशाली प्रहरी है और उसे उच्च न्यायालयों में हुई चर्चाओं की रिपोर्टिंग से रोका नहीं जा सकता है।