कौए की चतुराई से बची मांझे में फंसे तोते की जान

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली, 21 मार्च (ए)। राजधानी दिल्ली के एक इलाके में शाम करीब 5:25 बज रहे थे जब अचानक से पक्षियों के शोर ने उद्योग मार्ग स्थित दफ्तर की नीरवता भंग कर दी। बरबस ही सबका ध्यान उसी तरफ खिंच गया, जहां से फड़फड़ाहट की आवाज आ रही थी। निगाहें खिड़की से बाहर पेड़ पर जा टिकीं। 30-40 कौओं का एक झुंड पेड़ के इर्द-गिर्द मंडरा रहा था, जबकि डालियों पर तोते बैठे थे। बार- बार देखने पर पता चला कि पेड़ की टहनी से दूर हवा में एक तोता लटका दिखा। उसकी गर्दन महीन धागे में फंसी थी। इसके बाद पक्षियों की अफरातफरी की वजह समझ आई। संकट में फंसे तोते की जान बचाने के लिए सारे पक्षी एक साथ चिल्ला रहे थे। इस दौरान लोगों ने तोते की जान बचाने के लिए सबसे पहले एनडीएमसी को फोन किया गया, वहां से जवाब मिला कि वह सिर्फ श्वान बचाते हैं। पक्षियों के लिए पक्षी बचाव केंद्र पर संपर्क करना होगा, लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। सलाह दमकल विभाग से संपर्क करने की भी दी गई, जहां से मदद की उम्मीद मिली। कनॉट प्लेस से उद्योग मार्ग के लिए उनकी टीम रवाना हो गई।
उधर, पक्षियों का जमावड़ा पेड़ के नजदीक जुट रहा था। हर पक्षी अपनी चोंच से मांझे को काटने की कोशिश करता दिखा। करीब बीस मिनट तक इनकी नाकाम कोशिश चलती रही। पक्षियों के शोर के बीच करीब 5:45 बजे एक कौआ डाल पर जा बैठा। कौए ने अपनी चतुराई दिखाई। अपनी चोंच को मांझे में फंसा लिया। कौए के अचानक नजदीक पहुंचने पर हवा में झूल रहा तोता घबराहट में उचक उठा। इससे वह डाल तक पहुंचने में कामयाब रहा। बावजूद इसके मांझा उसके गले में फंसा रहा। इससे पल भर में वह दुबारा लटक गया। दूसरी तरफ कौआ मांझे को अपनी चोंच में फंसाकर काटता रहा। पांच से सात मिनट बाद उसे कामयाबी मिल गई। इसके बाद दोनों हवा में फुर्र हो गए। करीब 25 मिनट की मशक्कत के बाद तोते को जीवनदान मिला। फिर, बीच रास्ते से फायर विभाग की टीम को वापस लौटा दिया गया।