यूपी: आगरा, लखनऊ, मथुरा व प्रयागराज में बनेंगे हेलीपोर्ट

उत्तर प्रदेश लखनऊ
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लखनऊ, 19 अप्रैल (ए)। यूपी की योगी सरकार ने पर्यटन विकास को खास तवज्जो देते हुए आगरा, मथुरा, प्रयागराज व लखनऊ में हेलीपोर्ट विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा नियमावली में दिव्यांगों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण कोटा तय कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिए गए। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह व वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि कैबिनेट ने 14 प्रस्तावों को मंजूरी दी। जयवीर सिंह ने बताया कि आगरा, मथुरा, प्रयागराज में पर्यटन विकास के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने के लिए हेलीपोर्ट विकसित किए जाएंगे। यह काम पीपीपी मोड पर निजी निवेशकों से कराया जाएगा। इसके लिए पांच-पांच करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं।
इसके अलावा लखनऊ के रमाबाई आम्बेडकर के पास बने पक्के हेलीपैड स्थल व अन्य सुविधाओं का जिम्मा पर्यटन विभाग को दिया गया है। हेलीपैड को हेलीपोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा। हरिद्वार के अलकनंदा गेस्ट हाउस परिसर में ही में 3000 वर्गमीटर पर बनाया गया भागीरथी गेस्ट हाउस उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम को हस्तांरित करने का निर्णय हुआ है। अलकनंदा गेस्ट हाउस को पहले ही उत्तराखंड को देने का निर्णय हो चुका है। पर्यटन विकास निगम अब दस 10 करोड़ रुपये तक के काम करेगा। उसे कार्यदायी संस्था के रूप में काम करने की मंजूरी कैबिनेट ने दी।  
कैबिनेट ने लैब टेक्नीशियन के 25 फीसदी पद लैब असिस्टेंट की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। बाकी के लिए सीधी भर्ती होगी। इसके लिए संबंधित नियमावली में संशोधन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।  । लखनऊ में बनेगा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र-
केंद्र सरकार ने यूपी को एक और केंद्र की सौगात देते हुए लखनऊ में ‘राष्ट्रीय रोग नियंत्रण  केंद्र’ खोलने की अनुमति दी है। यह केंद्र  लखनऊ के सरोजिनी नगर जैतीखेड़ा में बनेगा। इसके लिए जमीन 30 साल के लिए लीज पर एनसीडीसीको मंजूरी दे दी गई ।
कैबिनेट ने 82.53 किमी लंबे पुखरायां- घाटमपुर-बिंदकी मार्ग को दो लेन से चार लेन में करने के लिए पीपीपी आधार काम कराने का निर्णय लिया है। इसमें 1136 करोड़ रुपये का निजी निवेश होगा। इस पर होने वाले लाभ का एक प्रतिशत राज्य सरकार को मिलेगा।
ग्रेटर नोएडा में राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए 56 एकड़ जमीन चाहिए थी। ग्रेटर नोएडा अथारिटी ने 414 करोड़ रुपये मांगे थे। राजस्व विभाग का कहना था कि प्राधिकरण पर हमारी इससे ज्यादा राशि बकाया है। लिहाजा भूमि के मूल्य को इसमें समायोजित करते हुए जमीन नि:शुल्क देने पर सहमति बनी है।