विधानसभा में जब राजा भैया ने कबीर का एक दोहा कहा,तो ठहाको से गूंज उठा सदन,जाने ऐसा क्या कहा?

उत्तर प्रदेश लखनऊ
Spread the love


लखनऊ, 29 मार्च (ए)। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सतीश महाना का सर्वसम्मति से चुनाव किया गया। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ, नेता विपक्ष अखिलेश यादव समेत सभी दलों के नेता ने महाना की तारीफ की। जनता दल लोकतांत्रिक के प्रमुख राजा भैया ने भी अपनी बात रखी और भाजपा-सपा की लड़ाई में दूसरे दलों के हुए हाल को कबीर के दोहे से व्यक्त किया। राजा भैया की इस बात पर सदन में जमकर ठहाके लगे। 
राजा भैया ने कहा, ”माननीय अध्यक्ष जी बड़ी प्रसन्नता की बात है और आज हम सबके लिए गौरवशाली दिन है, अध्यक्ष पद पर आप आसीन हुए हैं। मैं नेता सदन, नेता प्रतिपक्ष, नेता कांग्रेस और अन्य सभी नेताओं की बात से खुद को संबद्ध करता हूं। एक लंबे समय से आपका कार्यकाल आपकी कार्यशैली, आपकी कार्यक्षमता, आपका व्यवहार, आपका शिष्टाचार देखने का अवसर मिला है। 29 वर्ष हो गए हैं, हम लोग साथ-साथ यहां बैठे हैं। तो इसमें आपको कोई यह सलाह दे कि हमारे ऊपर भी नजर डालें, इसका मैं कोई औचित्य नहीं अनुभव कर रहा हूं। क्योंकि हर दल के नेता ने आप पर विश्वास किया है। हम मानकर चल रहे हैं कि आपका अनुग्रह आपकी नजर और अवसर की समानता का लाभ हम सभी लोगों को मिलेगा।”
राजा भैया ने नेता सदन योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को भी पहली बार विधानसभा का सदस्य बनने पर बधाई दी और स्वागत किया। इस पर अखिलेश यादव बेंच थपथपाते नजर आए। यह मेरा पहला ध्यानाकर्षण समझ लीजिए, सलाह देने लायक तो हम नहीं है। लेकिन राजनीतिक दलों पर आप संख्यावार जाएं तो या तो आपके (योगी) सहयोगी जीते हैं या आपके (अखिलेश) सहयोगी जीते हैं। कबीर दास जी का एक दोहा है कि चलती चक्की देख के दिया कबीरा रोए, दो पाटन के बीच में साबुत बचा ना कोई। एक छोटी सी संख्या, जिसमें मोना जी भी है, उमाशंकर जी भी हैं, जनसत्ता दल भी है, बहुत छोटी संख्या 5 सदस्यों की है, तो इधर भी कृपादृष्टि रहे। इस पर सदन में जमकर ठहाके लगे।