अदालत ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को विदेश यात्रा की अनुमति दी

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 27 नवंबर (ए) दिल्ली की एक अदालत ने धन शोधन मामले में आरोपी कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार को विदेश यात्रा की अनुमति दे दी है।.

विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने कांग्रेस नेता शिवकुमार को उनके द्वारा दायर एक अर्जी पर 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक दुबई की यात्रा करने की अनुमति दी।.अर्जी में दावा किया गया कि उन्हें सीओपी28 के नामित अध्यक्ष डॉ. सुल्तान अहमद अल जाबेर और जलवायु महत्वाकांक्षा और समाधान पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत माइकल आर ब्लूमबर्ग द्वारा दुबई में आगामी सीओपी28 जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। सीओपी संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित एक वार्षिक अंतराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन है।

न्यायाधीश ने 25 नवंबर को एक आदेश में कहा, ‘‘यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि विदेश यात्रा का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा है। हालांकि, ऐसा अधिकार बिना शर्त नहीं है और उस पर उचित प्रतिबंध लगाया जा सकता है।’’

आदेश में कहा गया, ‘‘जो प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं उनमें से एक जांच या मुकदमे के दौरान उक्त अधिकार पर अंकुश लगाना है यदि ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी के फरार होने की संभावना है और वह मुकदमे का सामना करने के लिए उपलब्ध नहीं होगा।’’

यह उल्लेख करते हुए कि आरोपी कर्नाटक से आठ बार विधायक रहा है, जहां वह वर्तमान में उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत है, न्यायाधीश ने कहा कि उसके भारत से भागने की आशंका काफी कम है।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता की अर्जी को अनुमति देने में कोई अड़चन नहीं है। इसलिए शिवकुमार द्वारा विदेश यात्रा की अनुमति मांगने के लिए दायर अर्जी मंजूर की जाती है और उन्हें 29 नवंबर से 3 दिसंबर 2023 तक दुबई की यात्रा करने की अनुमति दी जाती है।’’

हालांकि, न्यायाधीश ने आरोपी पर कई शर्तें लगाईं, जिसमें यह भी शामिल है कि उन्हें अपनी यात्रा से पहले अदालत के समक्ष 5 लाख रुपये की सावधि जमा रसीद (एफडीआर) और एक टेलीफोन या मोबाइल नंबर के साथ अपनी पूरी यात्रा कार्यक्रम का ब्योरा दाखिल करेगा।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी विदेश यात्रा के दौरान किसी भी सह-आरोपियों से संपर्क करने की कोशिश नहीं करेगा या वर्तमान मामले से जुड़े किसी भी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेगा।’’

शिवकुमार को 23 अक्टूबर, 2019 को दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे। अर्जी में दावा किया गया कि आरोपी ने कई बार विदेश यात्रा की और भारत लौट आया और उसके भागने का खतरा नहीं है।

अर्जी में यह कहा गया कि जांच पूरी हो चुकी है और अभियोजन की शिकायत अदालत के समक्ष पहले ही दायर की जा चुकी है। यह भी कहा गया कि याचिकाकर्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। ईडी ने अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि आरोपी अन्य आरोपियों की सक्रिय भागीदारी और मदद से भ्रष्ट गतिविधि से नकदी को स्थानांतरित करने और ऐसी नकदी के स्रोत को छिपाने की आपराधिक साजिश में शामिल था।शिवकुमार पर धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कथित अपराध के लिए मामला दर्ज किया गया था। यह मामला कथित कर चोरी और करोड़ों रुपये के ‘हवाला’ लेनदेन के आरोप में बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के समक्ष 2018 में आयकर विभाग द्वारा दाखिल आरोप पत्र पर आधारित था।