अदालत ने पाकिस्तानी नागरिक को हैदराबाद जेल से रिहा किया

राष्ट्रीय
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हैदराबाद, 23 जुलाई (ए) पाकिस्तान के एक नागरिक (51) को यहां केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया है क्योंकि तेलंगाना उच्च न्यायालय ने कथित तौर पर धोखाधड़ी से भारतीय पासपोर्ट प्राप्त करने के मामले में हिरासत में लेने के लिए पुलिस को दी गई राज्य सरकार की अनुमति रद्द कर दी थी।.

न्यायमूर्ति के लक्ष्मण और न्यायमूर्ति पी श्री सुधा की पीठ के 13 जुलाई के आदेश के बाद शेख गुलजार खान उर्फ गुलजार मसीह को पिछले सप्ताह यहां चेरलापल्ली केंद्रीय जेल से रिहा कर दिया गया।.पीठ ने सरकारी आदेश को रद्द करते हुए अपने आदेश में कहा, ‘प्रतिवादी नंबर 1 (तेलंगाना सरकार) द्वारा जारी जीओ नंबर 599 अवैध है और रद्द करने योग्य है।’’

उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है, ‘‘हालांकि, यह आदेश चौथे प्रतिवादी (भारत सरकार) को बंदी को कानून के अनुसार उसके देश वापस भेजने की प्रक्रिया को पूरा करने से नहीं रोकेगा।’’

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट जिले के मूल निवासी गुलज़ार खान पर 2011 में जाली दस्तावेज़ बनाकर भारत में प्रवेश करने का आरोप लगाया गया था।

पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, गुलजार ने आंध्र प्रदेश की एक महिला से शादी की थी और वहां पेंटर का काम कर रहा था।

पुलिस ने कहा था कि भारत में रहते हुए, उसने अपनी मूल पहचान बताए बिना कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के साथ आधार और मतदाता पहचानपत्र के अलावा भारतीय पासपोर्ट भी हासिल कर लिया था।

2019 में, शहर पुलिस ने गुलज़ार खान के खिलाफ मामला दर्ज किया और उस पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए और यहां सिकंदराबाद से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद, एक स्थानीय अदालत ने उसे जमानत दे दी।

हालांकि, उसे पाकिस्तान में वापस भेजने की प्रक्रिया पूरी होने तक उसे हिरासत में रखने की अनुमति देने के पुलिस के अनुरोध के बाद, तेलंगाना सरकार ने एक सरकारी आदेश (जीओ) जारी किया था, जिसमें पुलिस को उसे जेल में हिरासत में रखने के लिए अधिकृत किया गया था।

फरवरी 2022 में पुलिस ने उसे फिर से हिरासत में ले लिया और तब से वह चेरलापल्ली केंद्रीय जेल में बंद था।

गुलजार खान की पत्नी ने जीओ को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

याचिकाकर्ता के वकील एम ए शकील ने दलील दी कि राज्य सरकार के पास पुलिस को किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने की अनुमति देने की कोई शक्ति नहीं है।

उन्होंने कहा, उच्च न्यायालय ने गुलज़ार खान के खिलाफ राज्य सरकार के हिरासत आदेश को रद्द कर दिया है, हालांकि उनके खिलाफ मामला जारी रहेगा।