नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (ए) कांग्रेस ने रविवार को कहा कि देश के कानून के तहत अपराधियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करने वालों तथा उन्हें संरक्षण देने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।.
कांग्रेस ने यह टिप्पणी माफिया और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गोली मारकर हत्या किए जाने के एक दिन बाद की है।
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए अदालतें हैं, लेकिन ‘कानून और व्यवस्था के साथ खिलवाड़ अराजकता को जन्म देता है।’
खरगे ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा कि देश का संविधान उन लोगों ने बनाया है, जो आजादी के लिए लड़े थे और “हमारे इसी संविधान और कानून को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “इससे खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती है। अपराधी की सजा पर फैसले का अधिकार न्यायपालिका का है। ये अधिकार किसी सरकार को, किसी नेता को या कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को नहीं दिया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “गोली-तंत्र और भीड़ तंत्र की वकालत करने वाले केवल संविधान को ध्वस्त करते हैं। समाज में किसी को डराने व धमकाने के लिए जो भी हमारी न्याय प्रणाली में राजनैतिक उद्देश्य से दखलअंदाजी करता है, अपराधी के साथ वह भी दंड का भागीदार है।”
खरगे ने कहा, “किसी भी आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए अदालतें हैं। कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करना केवल अराजकता को जन्म देता है।”
अतीक (60) और अशरफ की शनिवार रात तीन हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सा जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी।
पत्रकारों की भेष में आए तीन हमलावरों ने अतीक और उसके भाई को उस समय बहुत करीब से गोली मार दी, जब वे मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रह थे, जबकि उनके आसपास पुलिस कर्मियों का घेरा था।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि देश का कानून संविधान में लिखा गया है और यह कानून सर्वोपरि है।
उन्होंने कहा, “अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा देश के कानून के तहत किया जाना चाहिए। किसी भी सियासी मकसद से कानून के राज और न्यायिक प्रक्रिया से खिलवाड़ करना या उसका उल्लंघन करना हमारे लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, “जो भी ऐसा करता है, या ऐसे करने वालों को सरंक्षण देता है, उसे भी जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उस पर भी सख्ती से कानून लागू होना चाहिए।”
रमेश ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक प्रयास किया जाना चाहिए कि न्यायिक प्रणाली और कानून के शासन का हर समय अक्षरशः सम्मान हो।
इससे पहले, कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने मामले पर कांग्रेस का यही नजरिया ट्विटर पर साझा किया था।
अहमद और अशरफ को 2005 के उमेश पाल हत्याकांड के सिलसिले में सुनवाई के लिए प्रयागराज लाया गया था।
झांसी में 13 अप्रैल को अहमद का बेटा असद और उसका एक साथी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। असद का शव शनिवार सुबह प्रयागराज में कसारी मसारी कब्रिस्तान में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दफनाया गया था।
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