किसानों ने गृहमंत्री का प्रस्ताव किया खारिज, निरंकारी ग्राउंड जाने से इंकार, बॉर्डर पर ही जमे

राष्ट्रीय
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नई दिल्ली , 29 नवम्बर एएनएस। सरकार द्बारा लागू किये गये कृषि कानूनो के विरोध में दिल्ली चलो मार्च के आह्वान पर पंजाब-हरियाणा के अलावा अन्य राज्यों से आए किसान रविवार को भी सिंघू, टिकरी व गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे रहे।  किसान संगठनों की दोपहर तक चली बैठकों के बाद किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह का प्रस्ताव खारिज कर दिया है।
शनिवार शाम को गृहमंत्री ने किसानों से कहा था कि पहले वह निरंकारी ग्राउंड, बुराड़ी पहुंचे। इसके बाद उनसे बातचीत की जाएगी। दोपहर हुई बैठक के बाद किसानों ने बॉर्डर छोड़कर जाने से इंकार कर दिया। हालांकि दिल्ली पुलिस की ओर से बॉर्डर खाली करने की गुजारिश की गई थी। इसके लिए आम लोगों को होने वाली परेशानियों का हवाला दिया गया। लेकिन किसानों का साफ कहना है कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक वह वापस नहीं जाएंगे।

उधर, रविवार को कुछ किसानों ने दिल्ली के दूसरे बॉर्डर से राजधानी में एंट्री की कोशिश की। इसको देखते हुए नई दिल्ली एरिया समेत बाकी सभी बॉर्डर पर सुरक्षा अलर्ट जारी कर दिया गया। सुबह के समय पांच-छह किसान पंजाब भवन सी-हेक्सागन पहुंचने में कामयाब भी हो गए थे, लेकिन नई दिल्ली पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर निरंकारी ग्राउंड बुराड़ी छुड़वा दिया। टिकरी व सिंघू बॉर्डर पर रविवार शाम को तनाव जैसे हालत पैदा हो गए थे। 

दिल्ली चलो मार्च के आह्वान पर टिकरी व सिंघु बार्डर पर किसानों की संख्या बढ़ने लगी है। धीरे-धीरे पंजाब-हरियाणा के अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले किसान भी यहां जुटने लगे हैं। इन किसानों के समर्थन में पश्चिम उत्तर-प्रदेश के कई जिलों से आए करीब 250 से 300 किसान राकेश टिकेत के नेतृत्व में गाजीपुर एनएच-9 पुल के नीचे डटे हुए हैं।

राकेश टिकेट का कहना है कि वह पंजाब और हरियाणा से आए किसान भाईयों के साथ हैं और उनको रामलीला ग्राउंड जाने की अनुमति दी जाए। दोपहर करीब 1.15 बजे गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के एक समूह ने बैरिकेड की पहली लेयर को तोड़ दिया था। लेकिन सुरक्षा बलों ने इनको पीछे धकेल दिया। दिल्ली पुलिस की ओर से किसानों को साफ संदेश दिया गया है कि यदि उनको अपनी बात रखनी है तो उनको निरंकारी ग्राउंड बुराड़ी ही जाना होगा।

इसके अलावा दिल्ली में कहीं भी जाने की अनुमति नहीं है। किसान भी लगातार कह रहे हैं कि यदि आने वाले दिनों में उनकी मांगों नहीं माना गया तो वह संसद भवन का घेराव करने के अलावा पूरी दिल्ली बंद कर देंगे। पुलिस लगातार किसानों को समझाने का प्रयास कर रही है।
सिंघु बॉर्डर से ही कुछ ही पहले किसानों ने एक दूसरे रास्ते से नरेला की ओर से दिल्ली में प्रवेश का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने किसानों को वहीं पर रोक लिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनको सूचना मिल रही है कि अब किसान छोटे-छोटे समूह बनाकर राजधानी में घुसने और इकट्ठा होने का प्रयास करेंगे। ऐसी आशंकाओं को देखते हुए तिलक नगर, राजौरी गार्डन, नई दिल्ली इलाके में अलर्ट रहने के लिए कहा गया है।