मुंबई, 12 जनवरी (ए) साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को निर्देश दिया कि गवाह को गवाही के लिए बुलाने से पहले यह आकलन किया जाए कि उसकी गवाही प्रासंगिक होगी या नहीं।.
एनआईए अदालत ने मामले में मुख्य आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर की याचिका पर यह निर्देश दिया। याचिका में दावा किया गया था कि अभियोजन पक्ष मुकदमे को खींच रहा है। अदालत ने अब तक 295 गवाहों से पूछताछ की है, जिनमें से लगभग 30 गवाह अभियोजन पक्ष द्वारा पूछताछ के दौरान मुकर गए हैं।.