दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को रिकॉर्ड 229 रन से हराया

खेल राष्ट्रीय
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मुंबई, 21 अक्टूबर (ए) हेनरिच क्लासेन की आतिशी शतकीय पारी और मार्को यानसेन के साथ छठे विकेट के लिए 77 गेंद में 151 रन की साझेदारी के बाद गेंदबाजों के दबदबे वाले प्रदर्शन से दक्षिण अफ्रीका ने आईसीसी विश्व कप के एकतरफा मैच में शनिवार को यहां इंग्लैंड को रिकॉर्ड 229 रन से हराया।.

एकदिवसीय मैचों में रनों के लिहाज से गत चैम्पियन इंग्लैंड की सबसे बड़ी हार है। दक्षिण अफ्रीका की यह सफलता विश्व कप के इतिहास में संयुक्त रूप से छठी सबसे बड़ी जीत है।.

दक्षिण अफ्रीका ने सात विकेट पर 399 रन बनाने के बाद इंग्लैंड की पारी को 22 ओवर में  170 रन पर समेट दिया। इंग्लैंड के रीस टॉपली ने बल्लेबाजी नहीं की।

इस हार के बाद इंग्लैंड की टीम अंक तालिका में चार मैचों में तीन हार के बाद नौवें स्थान पर खिसक गयी है। दक्षिण अफ्रीका तीन जीत के साथ तीसरे स्थान पर आ गया।

क्लासेन ने अपनी चौथी शतकीय पारी के दौरान चार छक्के और 12 चौके जड़े। उन्होंने 67 गेंद में 109 रन बनाये। यानसेन ने 42 गेंद की नाबाद पारी में तीन चौके और छह छक्के की मदद से 75 रन बनाये। यह उनके करियर का पहला अर्धशतक है।

इससे पहले रीजा हेंड्रिक्स (75 गेंद में 85 रन) और रासी वेन डर डुसेन ( 61 गेंद में 60 रन) ने दूसरे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी कर बड़े स्कोर की नींव रखी।

लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने छठे ओवर तक तीन, 12वें ओवर तक छह और 17वें ओवर तक 100 रन पर आठ विकेट गंवा दिये थे। गस एटकिंसन (35) और मार्क वुड (नाबाद 43) ने नौवें विकेट के लिए 32 गेंद में 70 रन की साझेदारी कर टीम को और फजीहत का सामना करने से बचा लिया।

दक्षिण अफ्रीका के लिए गेराल्ड कोएट्जीी ऐसे ने तीन जबकि लुंगी एनगिडी, मार्को यानसेन ने दो-दो तथा कागिसो रबाडा और केशव महाराज ने एक-एक विकेट लिये।

लक्ष्य का पीछा करते हुए बेयरस्टो (10) ने पहले ओवर में एनगिडी पर छक्का लगाकर आक्रामक तेवर दिखाया लेकिन इस गेंदबाज ने अपने अगले ओवर में उन्हें चलता कर दिया।

बल्ले से चमक बिखेरने वाले यानसेन ने इसके बाद गेंद से कमाल करते हुए  जो रूट (दो) और डाविड मलान (छह) को पवेलियन की राह दिखायी तो वही अनुभवी रबाड़ा ने नौवें ओवर में अपनी गेंद पर बेन स्टोक्स ( पांच) का कैच लपक कर टीम को चौथी सफलता दिलायी।

हैरी ब्रुक्स (17) और कप्तान बटलर (15) ने रबाडा और गेराल्ड कोएट्जी पर छक्के लगाये लेकिन इस तेज गेंदबाज ने पारी के 12वें ओवर में दोनों को आउट कर इंग्लैंड की जीत की राह लगभग बंद कर दी। टीम ने 68 रन तक शीर्ष छह विकेट गंवा दिये।

कोएट्जी ने इसके बाद रशीद (10) और एनगिडी ने डेविड विली (12) को आउट कर इंग्लैंड को 100 रन पर आठवां झटका दिया।

इसके बाद वुड ने 17 गेंद की नाबाद पारी में दो चौके और पांच छक्के तथा एटकिंसन ने 21 गेंद की पारी में सात चौके लगाकर दर्शकों का कुछ मनोरंजन किया।

इससे पहले क्लासेन को  उमस भरी गर्मी में  अपनी पारी के दौरान नियमित रूप से तरल पदार्थ के सेवन करते देखा गया।  वह ऐंठन की समस्या के बीच मैदान पर डटे रहे। वही दूसरी ओर इंग्लैंड के कुछ गेंदबाजों को मैदान से बाहर जाना पड़ा।

मैन ऑफ द मैच क्लासेन ने वुड ( सात ओवर में 76 रन) के खिलाफ छक्का और चौका लगाकर पारी के 47वें ओवर में 61 गेंद में इस साल का अपना तीसरा शतक पूरा किया।

क्लासेन और यानसेन ने छठे विकेट के लिए सिर्फ 77 गेंदों पर 151 रन जोड़े, जो अब वनडे के साथ-साथ विश्व कप इतिहास में इंग्लैंड के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के लिए एक रिकॉर्ड है।

नियमित कप्तान तेम्बा बावुमा के बीमार पड़ने और क्विंटन डिकॉक (चार) के जल्दी आउट होने के कारण, दक्षिण अफ्रीका को दमदार बल्लेबाजी की जरूरत थी और उनके बल्लेबाजों ने यह सुनिश्चित किया।

दक्षिण अफ्रीका ने आखिरी 10 ओवरों में 143 रन बटोरे जिसमें से 46वें से 50वें ओवर में 84 रन बने।

पारी की शुरुआत में  टॉपली (88 रन पर तीन विकेट) की गेंद पर विकेटकीपर जोस बटलर के कैच को मैदानी अंपायर ने नकार दिया लेकिन रिव्यू के बाद डिकॉक को पवेलियन की राह नापनी पड़ी।

डुसेन ने इसके बाद संभल कर बल्लेबाजी की जबकि हेंड्रिक्स ने कुछ करारे प्रहार किये।

दक्षिण अफ्रीका ने पावरप्ले में 59 रन जुटाए जिसमें वुड का स्वागत बल्लेबाजों ने चौकों से किया।

टॉपली जब मैदान में वापस आये तब तक कामचालउ गेंदबाज जो रूट 6.1 ओवर में बिना किसी सफलता के 48 रन लुटा चके थे। दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के खिलाफ रूट कोई खतरा पैदा नहीं कर सके। हेंड्रिक्स ने कवर के ऊपर से उनके खिलाफ दो शानदार छक्के जड़े।

आदिल रशीद (61 रन पर दो  विकेट) ने बीच के ओवर में इन दोनों बल्लेबाजों को आउट किया जबकि टॉपली ने कप्तान एडीन मार्कराम (42) और अनुभवी डेविड मिलर (पांच) के विकेट के साथ मैच में इंग्लैंड की वापसी करायी। टीम इन विकेटों का जश्न ज्यादा देर तक नहीं मना सकीं क्योंकि क्लासेन और यानसेन ने मन मुताबिक चौके और छक्कों की बौछार कर दी।