दीपावली से पहले ही शहरी क्षेत्र के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सजने लगी जुआरियों की जमात

छत्तीसगढ़ दुर्ग
Spread the love

भिलाई,05 नवम्बर (एएनएस) । दीपावली से पहले जुआरियों की जमात सक्रिय हो चुकी है। भिलाई-दुर्ग शहरी क्षेत्र के साथ-साथ आसपास के गांवों में जुआ का फड़ सजने लगा है। बंद कमरे के साथ ही खुले मैदान और खेत खलिहानों में चल रहे जुआ के अड्डों के करीब पुलिस से बचने फड़ संचालकों द्वारा बाकायदा वाचमैन की तैयारी रखी जा रही है।धन की देवी लक्ष्मी की पूजा से जुड़ा दीपावली का त्योहार 14 नवंबर को मनाया जाएगा। इस त्योहार में अपने धन को और अधिक बढ़ाने जुआ खेलने की तथाकथित परंपरा ने समय के साथ पेशेवर रूप ले लिया है। लिहाजा जुआ खिलाने वालों के साथ ही खेलने वाले भी दीपावली आने के पखवाड़े भर पहले से ही सक्रिय हो उठे हैं। शहर के कई इलाके में बंद कमरों के अंदर जुए का फड़ सजने की खबरें सुर्खियों में आने लगी है। ऐसे जगहों पर ताश की बावन पत्तियों के माध्यम से चल रहे अंदर बाहर के खेल में लाखों रुपए के दांव लग रहे हैं। दीपावली के सीजन में जुआरियों की सक्रियता न केवल शहरी क्षेत्र बल्कि भिलाई-दुर्ग से लगे गांव के खेत खलिहान में भी साफ दिखने लगी है।बताया जाता है कि जुआ का फड़ जिन-जिन स्थानों पर लग रहा है, उसके थोड़ी दूर में वाचमैन की तैनाती रखी जा रही है। ये वाचमैन पुलिस की मौजूदगी या फिर किसी संदिग्ध के नजर आते ही तत्काल फड़ संचालक को मोबाइल पर खबर कर देते हैं। इसके लिए फड़ संचालक के द्वारा तैनात वाचमैन को एक निश्चित राशि प्रतिदिन प्रदान करते हैं।इन दिनों जुआ के फड़ सजाये जाने को लेकर भिलाई शहर के खुर्सीपार, जामुल, छावनी, सुपेला थाना क्षेत्र खासा चर्चे में है। भिलाई-3 और कुम्हारी थाना का इलाका भी अछूता नहीं है। कोहका, कुरुद और खम्हरिया क्षेत्र के कुछ फार्म हाउस में भी बड़े पैमाने पर दीपावली को देखते हुए जुआ चलने की खबर है। वहीं जामुल से लगे कुछ गांव के साथ ही भिलाई-चरोदा और कुम्हारी निकाय क्षेत्र के ग्रामीण वार्डोंं में भी बड़े पैमाने में जुए का फड़ सजने का दावा किया जा रहा है। चरोदा के रेलवे कालोनी में दीपावली के चलते पुराने अड्डों के अलावा कुछ नये जगहों पर भी जुआ चल रहा है।जुआरी अगर मौके पर जुआ खेलते हुए अपने पास रखी हुई सारी रकम हार जाता है तो फड़ संचालक उसे बिना देर किए कर्ज दिलाने का भी काम करते हैं। बताया जाता है जुआरी को मौके पर मौजूद सूदखोर 10 प्रतिशत प्रतिदिन के ब्याज दर पर रकम देते हैं। इस दौरान कर्ज लेने वाला परिचित है तो उसे बिना किसी संकोच केे रकम दे दिया जाता है। लेकिन अपरिचित जुआरी को उसके दुपहिया वाहन या फिर पहने हुए सोने के जेवर को बंधक रखने के बाद ही कर्ज मिलता है। इसके चलते जुआ के अड्डों पर विवाद होने की संभावना बनी हुई है। फड़ संचालकों के द्वारा जुआ खेलने आने वालों के लिए शराब और कबाब का इंतजाम रखे जाने की जानकारी भी मिल रही है। बताते हैं इसके लिए जुआरियों को भुगतान करना पड़ता है। इसके अलावा गुटका, पान मसाला और सिगरेट का भी इंतजाम जुए के फड़ में रखा जा रहा है। नाम न छापने की शर्त पर एक पेशवर जुआरी ने बताया कि जुआ के अड्डे पर उपलब्ध शराब, मटन, चिकन सहित चखना का पाउच और गुटखा, सिगरेट आदि का दाम बाजार मूल्य से दुगुना वसूलकर भी फड़ संचालक अच्छी खासी कमाई कर लेता है।