बिहार में दूसरे दिन भी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल जारी, मरीज परेशान

पटना बिहार
Spread the love

पटना,24 दिसम्बर एएनएस। छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी की मांग को लेकर बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल दूसरे दिन गुरुवार को भी जारी रही। इस दौरान अस्पतालों में भर्ती गंभीर रोगों के मरीजों को निजी अस्पताल की ओर रुख करना पड़ा। राज्य के एक हजार जूनियर डॉक्टर छात्रवृत्ति में बढ़ोतरी की मांग को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जूनियर डॉक्टरों द्वारा कोरोना यूनिट को छोड़कर अन्य स्थानों पर ड्यूटी का बहिष्कार किया गया। इससे मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ओपीडी और इमरजेंसी सेवा पूरी तरह चरमरा गयी है। उधर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने गुरुवार को राज्य के गरीब मरीजों व आमलोगों के हित में जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टर से सरकार हर वक्त बातचीत को तैयार है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर उत्पन्न समस्या को दूर करने को कहा गया है। दूसरी ओर गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत करीब ढाई घंटे तक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विभिन्न विभागों का निरीक्षण करते रहे लेकिन जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधियों से हड़ताल को लेकर कोई बात नहीं हुई। प्रधान सचिव ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों को किसी प्रकार का कष्ट नहीं होने दी जाएगी। हड़ताल किसी भी समस्या का समाधान नहीं है, विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी।जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन, पीएमसीएच के अध्यक्ष डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल उनकी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने ही लिखित निर्देशों को भूल गयी है, जिसमें प्रत्येक तीन वर्ष पर उनकी छात्रवृत्ति में बढो़तरी किए जाने की बात कही गयी थी। जनवरी, 2020 से जूनियर डॉक्टर छात्रवृत्ति में बढो़तरी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में अपनी सेवा उन्होंने आगे बढ़कर दी है और अब भी कोरोना यूनिट में वे अपनी डयूटी कर रहे हैं। उन्होंने कॉलेज के प्राचार्य व अधीक्षकों द्वारा भी बातचीत की पहल नहीं किए जाने पर निराशा जतायी