मप्र में जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त की

भोपाल मध्य प्रदेश
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भोपाल, सात जून (ए) कोविड-19 महामारी के बीच मानदेय में वृद्धि सहित छह मांगों को लेकर मध्य प्रदेश में पिछले सात दिनों से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार को राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से बातचीत के बाद अपनी हड़ताल समाप्त कर दी।

सारंग ने कहा, ‘‘ उन्होंने (डॉक्टरों) बिना शर्त अपनी हड़ताल खत्म कर दी है।’’ इससे पहले रविवार को सारंग ने कहा था कि प्रदेश सरकार जूनियर डॉक्टरों को मानदेय में 17 प्रतिशत वृद्धि देने पर पहले ही सहमत थी।

प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों से ताल्लुक रखनेवाले लगभग तीन हजार जूनियर डॉक्टर मानदेय में वृद्धि सहित अपनी छह मांगों को लेकर गत 31 मई से हड़ताल पर थे।

मध्य प्रदेश जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विश्वास सारंग से चर्चा की और सरकार से उनकी मांगों को पूरा करने के बारे में लिखित आदेश जारी करने की मांग की।

जूडा के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ सारंग जी से मुलाकात के बाद हमने अपना विरोध समाप्त कर दिया है।’’ जूनियर डॉक्टारों की हड़ताल के मामले में दायर याचिका पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में सोमवार को सुनवाई होने से पहले ही हड़ताल समाप्त करने का निर्णय हुआ है।

उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने गत बृहस्पतिवार को हड़ताल को ‘‘अवैध’’ करार देते हुए जूनियर डॉक्टरों को 24 घंटे के अंदर काम पर लौटने का निर्देश दिया था।

सारंग ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों ने बिना शर्त हड़ताल समाप्त कर दी है।

वहीं, जूडा की सचिव अंकिता त्रिपाठी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मानदेय में 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद जूनियर डॉक्टरों के वर्तमान मानदेय में लगभग 10 हजार रुपये प्रतिमाह की वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मानदेय में प्रति वर्ष छह प्रतिशत की वृद्धि, कोविड ड्यूटी पर काम करनेवाले डॉक्टरों और उनके परिजनों के लिए अस्पताल में इलाज की अलग व्यवस्था, कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टरों को कार्यस्थल पर सुरक्षा, तथा कोविड ड्यूटी पर कार्यरत हर जूनियर डॉक्टर को 10 नंबर का एक राजपत्रित प्रमाणपत्र देने की मांग को सरकार ने मंजूर किया है।