हाथरस कांड: दलित लड़की के साथ हुआ था गैंगरेप, सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट

उत्तर प्रदेश हाथरस
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हाथरस, 18 दिसम्बर एएनएस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की से कथित गैंगरेप के बाद मौत के मामले में शुक्रवार को सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर दी।चार्जशीट में चारों आरोपियों पर सीबीआई ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया। आरोपियों के वकील मुन्ना सिंह पुंढीर ने कहा कि सीबीआई ने चारों आरोपियों संदीप, लवकुश, रवि और रामू पर रेप और हत्या का आरोप लगाया गया है। वकील ने कहा कि सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत भी आरोप लगाए हैं। 
सीबीआई ने पीड़िता के आखिरी बयान को चार्जशीट का आधार बनाया है। वकील ने बताया कि सीबीआई ने इस मामले में आरोपी बनाए गए चार लोगों के खिलाफ IPC की धारा 325-SC/ST एक्ट, 302, 354, 376 A और 376 D के तहत चार्जशीट फाइल की है।सीबीआई ने अलीगढ़ जेल में बंद चारों आरोपियों को पिछले महीने गुजरात ले जाकर उनका ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाई थी। आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट और बायोस प्रोफाइलिंग भी हुई थी। इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते पहले ही सीबीआई को मिल चुकी है।
सीबीआई पीड़ित के भाई को फोरेंसिक साइकोलॉजिकल टेस्ट के लिए गुजरात लेकर जाएगी। हाथरस केस में पीड़ित के भाई ने ही एफआईआर दर्ज कराई थी। सूत्रों की मानें, तो सीबीआई को कुछ सवालों के सटीक जवाब चाहिए। इसलिए, पीड़ित के भाई का साइक्लोजिकल असेस्मेंट कराया जा रहा है। इस तरीके से पूछताछ में डायरेक्टर और इनडायरेक्ट सवाल किए जाते हैं। पूरी प्रोसेस की रिकॉर्डिंग की जाती है।

चंदपा क्षेत्र के एक गांव में बीती 14 सितंबर को अनुसूचित जाति की 19 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उसे मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे अलीगढ़ स्थित जेएन मेडिकल कॉलेज भेजा गया था। जेएन मेडिकल कॉलेज से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर किया गया था। 16 दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच जूझने के बाद बिटिया ने 28 सितंबर की रात को सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इस मामले में शुरू में गांव के ही युवक संदीप पुत्र गुड्डू के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद जेएन मेडिकल कॉलेज में बिटिया द्वारा विवेचना अधिकारी के समक्ष दिए गए बयान के आधार पर गांव के तीन अन्य युवकों लवकुश पुत्र रामवीर,रवि पुत्र अतर सिंह, रामकुमार उर्फ रामू पुत्र राकेश को भी नामजद किया गया था। इन चारों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस घटना को लेकर देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे और यूपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित कई बड़े विपक्षी नेता बिटिया के घर आए थे।  

 
प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी। सीबीआई ने 67 दिनों तक विवेचना की। चारों आरोपियों के पॉलीग्राफी व बीआईओएस प्रोफाइल टेस्ट भी गांधीनगर (गुजरात) में कराए थे। विवेचना के उपरांत सीबीआई ने इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी एक्ट बीडी भारती के न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया है। शुक्रवार की दोपहर करीब 11 बजे सीबीआई की डीएसपी अपनी टीम के साथ कोर्ट में पहुंचीं और चार्जशीट दाखिल की।