प्रधानमंत्री ने वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी

राष्ट्रीय
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वाराणसी (उप्र), 23 सितंबर (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी और कहा कि देश का मिजाज ऐसा बना है कि जो खेलेगा वही खिलेगा।.

हर हर महादेव के नारों के साथ प्रधानमंत्री ने भोजपुरी में अपने भाषण की शुरुआत की और कहा, ‘‘आज फिर से बनारस आवे क मौका मिलल ह, जौन आनन्द बनारस में मिलल ओकर व्याख्या असंभव है।’’ (आज फिर से बनारस आने का मौका मिला है। जो आनंद बनासर में मिला उसकी व्याख्या असंभव है ।) उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं एक ऐसे दिन काशी आया हूं, जब चंद्रमा के शिवशक्ति प्वाइंट पर पहुंचने का भारत का एक महीना पूरा हो रहा है । शिवशक्ति यानि वह स्थान जहां बीते माह की 23 तारीख को हमारा चंद्रयान लैंड हुआ था । एक शिवशक्ति का स्थान चंद्रमा पर है और दूसरा शिवशक्ति का स्थान ये मेरी काशी में है!” मोदी ने कहा, ‘‘आज शिवशक्ति के स्थान से शिवशक्ति के उस स्थान पर भारत की विजय की मैं फिर से बधाई देता हूं।’’ उमड़ी भीड़ को बार-बार ‘मेरे परिवारजनों’ के संबोधन से संबोधित करते हुए कहा, ‘‘जिस स्थान पर हम सब एकत्र हुए हैं, वह एक पावन स्थल जैसा है। यह स्थान माता विंध्यधाम और काशी नगरी को जोड़ने वाले रास्ते का एक पड़ाव है। यहां से कुछ दूर पर भारतीय लोकतंत्र के प्रखर पुरुष और पूर्व केन्‍द्रीय मंत्री राजनारायण जी का गांव है।” भावनात्मक रूप से समाजवादी नेता को याद करते हुए मोदी ने कहा, ”मैं इस धरती से आदरणीय राजनारायण जी (1977 में जिन्‍होंने रायबरेली में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पराजित किया था) और उनकी जन्म भूमि को सिर झुकाकर प्रणाम करता हूं।’.

मोदी ने कहा, ”काशी में आज एक इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गयी है। यह न केवल वाराणसी बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए एक वरदान जैसा होगा। यह स्टेडियम जब बनकर तैयार हो जाएगा तो इसमें एक साथ 30 हजार से ज्यादा लोग बैठकर मैच देख पाएंगे।”

उन्होंने कहा, ‘यह स्टेडियम सिर्फ क्रंकीट का भवन नहीं होगा, भविष्य के भारत का एक भव्य प्रतीक बनेगा। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि हर विकास कार्य के लिए मेरी काशी अपना आशीर्वाद लिए मेरे साथ खड़ी रहती है। आप लोगों के बिना कोई कार्य सिद्ध नहीं हो सकता। हम काशी के कायाकल्प के लिए इसी तरह विकास के नये अध्याय लिखते रहेंगे।’

उन्होंने संभावना जतायी कि ‘इतने बड़े स्टेडियम की वजह से स्पोर्ट्स कोचिंग खुलने, मैनेजमेंट के नये अवसर बनते हैं, फिजियोथेरेपी समेत खेल से जुड़ी पढ़ाई शुरू होगी और एक बहुत बड़ा खेल उद्योग भी वाराणसी में आएगा।’

उन्होंने कहा ”मैं जानता हूं जब से स्टेडियम की तस्‍वीरें बाहर आयी हैं, हर काशीवासी गदगद हो गया है। महादेव की नगरी में स्‍टेडियम उसकी डिजाइन स्‍वयं महादेव को ही समर्पित है। इसमें क्रिकेट से बढ़कर एक से एक मैच होंगे। इसमें स्थानीय युवा खिलाड़ियों को अन्‍तर्राष्‍ट्रीय स्‍तर के स्टेडियम में प्रशिक्षण का मौका मिलेगा। इसका बहुत बड़ा लाभ मेरी काशी को मिलेगा।”

प्रधानमंत्री ने क्रिकेट के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, ”आज क्रिकेट के जरिये दुनिया भारत से जुड़ रही है। अलग अलग देश क्रिकेट खेलने के लिए भारत आ रहे हैं। क्रिकेट मैचों की संख्‍या भी बढ़ने जा रही है जब क्रिकेट मैच बढ़ेंगे तो नये नये स्टेडियम की जरूरत पड़ने वाली है।’

उन्‍होंने कहा, ”बनारस का यह स्टेडियम इस डिमांड को पूरा करेगा। पूरे पूर्वांचल का चमकता हुआ यह सितारा बनने वाला है। उप्र का यह पहला स्‍टेडियम होगा जिसके निर्माण में बीसीसीआई का भी बहुत बड़ा सहयोग होगा। मैं काशी का सांसद होने के नाते बीसीसीआई और आप सबका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।”

मोदी ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा, ”एक समय था जब माता पिता बच्‍चों को इस बात के लिए डांटते थे कि खेलते ही रहोगे क्या, यही हुड़दंग करोगे, पढ़ाई लिखाई नहीं करोगे क्या, यही सुनना पड़ता था। अब समाज की सोच बदली है। बच्‍चे पहले से ही गंभीर थे, अब माता पिता भी खेल को लेकर गंभीर हुए हैं।”

उन्होंने कुछ समय पहले मध्यप्रदेश के शहडोल के आदिवासी गांव में अपने जाने का जिक्र करते हुये कहा कि ”वहां कुछ नौजवानो से मिलने का अवसर मिला। मैं इतना प्रभावित हुआ, युवकों ने कहा कि ये तो मेरा मिनी ब्राजील है। बोले कि हमारे यहां हर घर में फुटबॉल के खिलाड़ी है। यह देख सुनकर देश के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य का मेरा विश्वास बढ़ जाता है।”

उन्होंने कहा, ‘‘इस नये स्टेडियम के साथ ही सिगरा स्टेडियम पर भी करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहा हैं। सिगरा में करीब 50 खेलों के लिए जरूरी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इसकी एक खास बात है कि यह देश का बहुस्तरीय स्पोर्ट्स कांप्लेक्स होगा जो दिव्यांगजन को ध्‍यान में रखकर बनाया जा रहा है, इसे भी बहुत जल्‍द काशीवासियों को समर्पित किया जाएग

प्रधानमंत्री ने कहा, ”खेलों में आज भारत को जो सफलता मिल रही है वह देश में आये बदलाव का परिणाम है। हमने देश को युवाओं की फिटनेस और युवाओं के रोजगार व उनके करियर से जोड़ा है। नौ वर्ष पहले की तुलना में खेल बजट तीन गुना बढ़ाया गया है। खेलो इंडिया प्रोग्राम के बजट में पिछले वर्ष 70 प्रतिशत वृद्धि की गयी है।”

मोदी ने कहा कि भारत के गांव-गांव में खेल प्रतिभाएं मौजूद हैं, जरूरी है इन्‍हें तलाशना और इन्‍हें तराशना। आज छोटे से छोटे गांव से निकले युवा शान बने हुए हैं। यह बताता है कि हमारे छोट शहरों में भी कितनी प्रतिभाएं हैं। आज खेलो इंडिया से उनकी पहचान की जा रही हैं।”

उन्होंने कहा कि ”नई शिक्षा नीति में खेल को उसी श्रेणी में रखा गया है जिसमें विज्ञान, वाणिज्य एवं दूसरी पढ़ाई है । हमारी ही सरकार ने देश में पहले राष्ट्ररीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना मणिपुर में की है।’’

इस समारोह में प्रधानमंत्री के साथ दिग्गज क्रिकेटर सुनील गावस्कर, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, दिलीप वेंगसरकर, विश्वनाथ गुंडप्पा और रवि शास्त्री सहित अन्य लोग शामिल हुए।

इस समारोह में सचिन तेंदुलकर ने प्रधानमंत्री को इंडियन क्रिकेट टीम की एक जैकेट भेंट की।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में बृहस्पतिवार को कहा था कि वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम आधुनिक विश्व स्तरीय खेल बुनियादी ढांचे को विकसित करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम होगा।

वाराणसी के राजातालाब के गंजरी में बनने वाले आधुनिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से 30 एकड़ से अधिक क्षेत्र में विकसित किया जाएगा।

इस स्टेडियम की विषयगत वास्तुकला भगवान शिव से प्रेरित है, जिसमें अर्द्धचंद्राकार छत कवर और त्रिशूल के आकार की फ्लड-लाइट होगी। इसमें घाट की तरह बैठने वाली व्यवस्था को आकार दिया जाएगा। स्टेडियम की क्षमता 30,000 दर्शकों की होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि उसने स्टेडियम के लिए जमीन अधिग्रहण पर 121 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इसके निर्माण पर 330 करोड़ रुपये खर्च करेगा।

समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हुए।

इस मौके पर बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और सचिव जय शाह भी मौजूद थे। स्टेडियम के दिसंबर 2025 तक तैयार होने की संभावना है।