अजीबोगरीब मामला: चोरी के 7 साल बाद थाने से आया फोन- पहचान कर जूते ले जाओ

राष्ट्रीय
Spread the love

जयपुर,17 सितम्बर (ए)। ये जूते सात साल पहले राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के एक मंदिर से चोरी हो गए थे. पीड़ित ने मनसाफिया थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। उसके बाद लगभग सात वर्ष बीत गये। सात साल बाद अचानक अखबार में छपी एक खबर देखकर पीड़ित को अपने जूतों की याद आ गई. पीड़ित अपना शिकायती आवेदन लेकर मंसाफिया थाने पहुंचा. चोरी गए जूतों की मांग की। आगे क्या हुआ कि इस पत्र के आधार पर उन्हें जूते की पहचान करने के लिए पुलिस स्टेशन से फोन आया और उन्हें आकर जूते की पहचान करने के लिए कहा गया। अब पीड़ित असमंजस में है कि जूते लेने थाने जाए या छोड़ दे. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक बेहद अजीब मामला सामने आया है। मामला यह है कि शिवपुरी निवासी महेंद्र कुमार दुबे मत्स्य विभाग में सहायक निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए थे। महेंद्र कुमार दुबे करीब सात साल पहले यानी साल 2017 में राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के सांवरिया सेठ मंदिर में दर्शन करने गए थे, वहां उनके जूते चोरी हो गए थे. इस चोरी की शिकायत महेंद्र कुमार दुबे ने मंसाफिया थाने में दर्ज करायी. चोरी की यह घटना 14 जनवरी 2017 को हुई थी. इस बात को महेंद्र कुमार दुबे भूल चुके थे. लेकिन अगस्त 2023 में एक जज के बेटे ने उसी मंदिर से जूते चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। जब महेंद्र कुमार ने यह खबर अखबार में पढ़ी तो उन्होंने पुराने आवेदन के साथ 7 साल पहले थाने में दर्ज करायी गयी अपनी शिकायत के बारे में पूछा. इसके बाद थाने से कांस्टेबल खूबचंद का फोन महेंद्र कुमार दुबे के पास आया कि दर्शनार्थियों के चोरी हुए कुछ जोड़ी जूते मंदिर परिसर से बरामद हुए हैं, अपने जूते पहचान कर ले जा आओ।