दो महीने से गायब है यह लड़की, ‘आत्माओं की दुनिया’ में करती थी भरोसा; माता-पिता को ‘शमनिज्म’ का शक

राष्ट्रीय
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बेगलुरू,30 दिसंबर (ए)। बेंगलुरु की एक 17 साल की एक लड़की पिछले दो महीने से अपने घर से लापता है। चिंतित माता-पिता ने अपनी बेटी ढूंढ़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। उन्हें लड़की के लापता होने के पीछे ‘शमनवाद’ (shamanism) का शक है। नाबालिग लड़की अनुष्का के पिता अभिषेक ने कहा कि उसने 31 अक्टूबर को अपना घर छोड़ा। वह किसे से “प्रभावित” थी। उन्होंने कहा, “किसी ने उसे प्रभावित किया है। वह घर छोड़कर अकेले कहीं नहीं जा सकती है। मैं अपनी बेटी को खोजने में मेरी मदद करने के लिए सोशल मीडिया पर लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा हूं।”
अनुष्का की मां अर्चना ने कहा कि वह ‘शमनिज्म’ (shamanism) से प्रभावित थी। ऐसे में ये भी जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर ‘शमनिज्म’ (shamanism) है क्या? दरअसल यह एक प्राचीन परंपरा है जिसके तहत लोग देवताओं, राक्षसों और पुश्तैनी आत्माओं की अनदेखी दुनिया में विश्वास करते हैं। अर्चना ने कहा, “उसने हमें बताया कि वह शमनिज्म मेडिटेशन करना चाहती है। हमने उसे घर पर ही इसे सीखने के लिए कहा। हमने उसे घर पर ही शमनिज्म सीखने के लिए कहा। मैं उससे वापस आने का अनुरोध करती हूं।” पिता अभिषेक ने कहा कि उसका पता लगाने के पुलिस के प्रयास अब तक सफल नहीं हुए हैं और वे ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
क्या है शमनिज्म?-
शमनिज्म एक बेहद ही प्राचीन प्रथा है। शमनिज्म ‘आत्माओं की दुनिया’ और नेचुरल साइकेडेलिक के माध्यम से आध्यात्मिक और शारीरिक उपचार का एक प्राचीन अभ्यास है। अनुष्का भी शमनिज्म प्रैक्टिस करना चाहती थी। उसके माता-पिता के हवाले से कहा गया है कि वो आध्यात्मिक प्रशिक्षकों और साइकेडेलिक इन्फलूएंसर से प्रभावित थी।
इसके अलावा इसकी एक परिभाषा और भी है। इसके मुताबिक शमनवाद एक धार्मिक प्रथा है जिसमें एक प्रैक्टिस करने वाला शामिल होता है जिसके बारे में माना जाता है कि वह एक आध्यात्मिक दुनिया के साथ बातचीत करता है। इसका लक्ष्य आमतौर पर इन आत्माओं या आध्यात्मिक ऊर्जाओं को उपचार, अटकल या किसी अन्य उद्देश्य के लिए भौतिक दुनिया में निर्देशित करना होता है। 
दो महीने से लापता लड़की का पुलिस को अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। पुलिस इसे पेचीदा मामला बता रही है। लड़की के पिता ने कहा, “दो महीने हो गए हैं। हालांकि पुलिस अपना काम कर रही है, लेकिन अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला है। मैं यह अपने निजी स्तर पर कर रहा हूं और सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहा हूं।” उन्होंने कहा, “मैंने findAnushka हैशटैग चलाया है। लोग मेरे मैसेजेस को री-ट्वीट कर रहे हैं। कहीं भी अगर मेरी बेटी इन मैसेजेस को देख रही है, या अगर किसी ने उसे देखा है, तो कृपया मुझे सूचित करें। अगर मेरी बेटी किसी के प्रभाव में है, या किसी संगठन में है, तो मैं लोगों से मुझे सूचित करने का अनुरोध करता हूं। वह नाबालिग है।” 
उन्होंने कहा कि उन्होंने जुलाई-अगस्त के बाद से अपनी बेटी के व्यवहार में कुछ बदलाव देखे हैं। उन्होंने कहा, “वह हमसे ज्यादा बातें नहीं कर रही थी। हमने उसे समय दिया क्योंकि वह अपनी पसंद के कॉलेज में नहीं जा पाई थी। वह खुद यह कदम नहीं उठा सकती, वह किसी से प्रभावित हुई है।” पुलिस ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और लड़की का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। बेंगलुरु (उत्तर) के डीसीपी विनायक पाटिल ने कहा, “हम उसकी पिछली फोन गतिविधियों सहित सभी एंगल पर नजर रख रहे हैं और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। एक समर्पित टीम मामले की जांच कर रही है।