इस तरह हो रहा कोरोना मरीजों का इलाज,अस्पताल का वीडियो वायरल, एक मरीज शौचालय के पास तो दूसरा फर्श पर नग्न हालत में

राष्ट्रीय
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मयूरभंज,01जून (ए)। ओडिशा के आदिवासी बहुल मयूरभंज जिले के एक कोविड-19 अस्पताल का एक वीडियो सोशल पर वायरल हो गया है।वीडियो में, एक कोविड -19 रोगी शौचालय के पास, वॉशबेसिन के नीचे लेटा हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि दूसरा फर्श पर नग्न अवस्था में पड़ा है। वीडियो को कथित तौर पर कोविड -19 रोगियों की देख रेख करने वाले अटेंडेंट ने साझा किया था। बताया जा रहा है कि उस अटेंडेंट की भी 23 मई को अस्पताल में मृत्यु हो गई थी। मयूरभंज के बारीपदा शहर में रहने वाले विभुदत्त दास ने बताया कि उन्हें भी वायरल वीडियो की क्लिप शनिवार को मिली थी। उन्होंने बताया कि 22 मई को अपने रिश्तेदार को बारीपदा के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया था। रिश्तेदार की हालत बिगड़ने पर, उन्हें बारीपदा शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर बांकिसोल के एक अन्य कोविड अस्पताल में रेफर कर दिया गया। 23 मई को दोपहर में, मुझे अपने रिश्तेदार की मृत्यु के बारे में सूचित किया गया था। विभुदत्त दास का कहना है कि वीडियो में, मैंने अपने रिश्तेदार को बिस्तर पर बैठे देखा, जिस पर चादर और तकिया नहीं था। उसने सिर्फ एक तौलिया पहना हुआ था। उनमें से कुछ मरीजों को शौचालय के सामने सोते हुए भी देखा गया। वार्ड में कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर थे लेकिन उन्हें ऑपरेट करने वाला कोई नहीं था। मरीजों को देखने के लिए स्टाफ नर्स व डॉक्टर नहीं हैं। सरकार कोविड मरीजों के इलाज पर बहुत बड़ी रकम खर्च कर रही है, लेकिन सारा पैसा कहां जा रहा है और किसके पास जा रहा है? बारीपदा से भाजपा विधायक प्रकाश सोरेन ने भी बांकिसोल के कोविड अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऑक्सीजन के अभाव में कई मरीज मर रहे हैं। डॉक्टरों को समझ नहीं आ रहा है कि मरीज क्या चाहते हैं और नर्सें संक्रमण के डर से उनके करीब नहीं आतीं। स्थिति यह है कि मरीजों को समय पर खाना भी नहीं मिलता है। वहीं, मयूरभंज के जिला कलेक्टर विनीत भारद्वाज ने कहा कि गतिविधियों पर नजर रखने और कमियों को पूरा करने के लिए अस्पताल में सीसीटीवी लगाने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें, मयूरभंज प्रशासन ने कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के बाद पिछले साल अस्पताल की स्थापना की थी। इसके बाद जिले में कोविड-19 के मामले कम होने के बाद मार्च में इसे बंद कर दिया गया था। इस महीने, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ओडिशा के स्वास्थ्य सचिव को चिकित्सा कर्मचारियों की कथित लापरवाही को लेकर समन जारी किया है।जानकारी के मुताबिक,कोविड की दूसरी लहर में, ओडिशा में 1 अप्रैल से कम से कम 830 रोगियों ने इस बीमारी के कारण दम तोड़ दिया हैं।