दुष्कर्म के तीन आरोपियों को बीस-बीस साल के कारावास की सजा

राष्ट्रीय
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कौशांबी (उप्र) 28 सितंबर (ए) उत्तर प्रदेश के कौशांबी जनपद की एक विशेष अदालत ने बृहस्पतिवार को एक दलित नाबालिग किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के तीन दोषियों को 20-20 साल के जबकि एक अन्य दोषी को तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है.

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) रमेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 19 अप्रैल 2018 को कौशांबी जनपद के पूरामुफ्ती थाना (वर्तमान में जनपद प्रयागराज) क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय दलित किशोरी की ओर से सूचना दी गई थी कि शाम को शौच के लिये खेतों की ओर जाते समय उसी के गांव की एक महिला सविता प्रजापति उसे बहला कर एक सुनसान स्थान पर ले गयी ।त्रिपाठी ने बताया कि महिला ने फोन करके तीन युवकों को मौके पर बुलाया और तीनों ने बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। उन्होंने बताया कि पीड़िता की सूचना पर थाना पूरामुफ्ती में मामला पंजीकृत किया गया था। उन्होंने बताया कि विशेष पॉक्सो अदालत के न्यायाधीश उत्कर्ष यादव ने मामले के दोषियों सविता प्रजापति (45), भैय्यन (25) और गोरेलाल (28) को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई । अधिवक्ता के अनुसार अदालत ने सविता और भैय्यन को 20-20 हजार रुपए जबकि गोरेलाल को 30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्होंने बताया कि मामले के एक अन्य दोषी बबलू (26) को तीन साल के कारावास की सजा और दस हजार रूपये के अर्थ दंड से दंडित किया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि अर्थदंड न अदा करने पर दोषियों को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा