आईएसआईएस से जुड़े दो आतंकियों को ‘मृत्यु पर्यंत’ तक कारावास की सजा

राष्ट्रीय
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भरूच, पांच अगस्त (ए) गुजरात में भरूच जिले के अंकलेश्वर की सत्र अदालत ने आईएसआईएस से जुड़े दो आतंकवादियों को ‘‘मृत्यु पर्यंत’’ तक कारावास की सजा सुनाई है।.

इन्हें 2017 में हमलों की योजना बनाने और आतंकवादी गतिविधियों के लिए कट्टरपंथी युवाओं को भर्ती करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।.सरकारी वकील परेश पंड्या ने शनिवार को कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी.जे. कलोत्रा की अदालत ने उबेद अहमद मिर्जा और मोहम्मद कासिम स्टिम्बरवाला को ‘‘मृत्यु पर्यंत’’ तक कारावास की सजा सुनाई है।

दोनों आतंकियों को अक्टूबर 2017 में गुजरात एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 121-ए (राजद्रोह) और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 17, 18, 19 और 38 के अलावा अन्य प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे।

पंड्या ने कहा कि स्टिम्बरवाला अंकलेश्वर के एक अस्पताल में प्रयोगशाला तकनीशियन के रूप में काम करता था जबकि मिर्जा सूरत जिला अदालत में वकालत कर रहा था।

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार होने से पहले दोनों 2014 से ही एटीएस की निगरानी में थे।

पंड्या ने कहा कि कुल 75 गवाहों, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य डिजिटल सबूतों के आधार पर अदालत ने माना कि दोनों ने सीरिया भागने से पहले आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाई थी।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, स्टिम्बरवाला और मिर्जा ने अहमदाबाद में एक यहूदी उपासनास्थल सहित कुछ लक्ष्यों की रेकी की थी और कट्टरपंथी युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए भारत से बाहर भेजने की योजना बना रहे थे।

एटीएस ने आरोपपत्र में कहा था कि स्टिम्बरवाला और मिर्जा ‘‘इस्लामिक स्टेट की जिहादी विचारधारा से अत्यधिक प्रेरित थे और यहूदियों पर हमले की योजना बना रहे थे।’’

आरोपपत्र में यह भी कहा गया है कि गिरफ्तार किए गए दो लोगों में से एक के अज्ञात सहयोगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या करने की बात की थी।

मिर्जा और उसके सहयोगी, जिसे केवल ‘फेरारी’ के रूप में पहचाना जाता है, के बीच 10 सितंबर 2016 को व्हाट्सएप पर हुई बातचीत के अनुसार, मिर्जा ने पिस्तौल खरीदने के बारे में बात की थी।