भारत और यूनान ने यूक्रेन संकट पर चर्चा की

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 23 मार्च (ए) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को अपने यूनानी समकक्ष निकोस डेनडियस के साथ यूक्रेन संकट से लेकर अफगानिस्तान की स्थिति तक और दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की संभावना सहित विस्तृत मुद्दों पर चर्चा की।

दोनों पक्षों ने लोगों की व्यवस्थित और वैध आवाजाही के महत्व को रेखांकित किया और प्रवास और आवागमन मंशा घोषणापत्र पर हस्ताक्षार किए।

डेनडियस दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को भारत आए थे।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों ने आपसी लाभ के क्षेत्रों जैसे जहाजरानी, समुद्री नौवहन, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कृषि, नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा और फार्मास्युटिकल में मिलकर काम करने पर सहमति जताई।

बयान में कहा गया कि हमारे समुद्र को आवाजाही और कारोबार के लिए स्वतंत्र और मुक्त रखने के महत्व पर विस्तृत चर्चा हुई और दोनों पक्षों ने समुद्री कानून (यूएनसीएलओएस) के समर्थन और अनुपालन को रेखांकित किया।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने नयी भू राजनीतिक और भू आर्थिक वास्तविकताओं के संदर्भ में आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अपने-अपने विचार साझा किए।

बयान में कहा गया, ‘‘यूरोपीय संघ, पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र, अफगानिस्तान और यूक्रेन के घटनाक्रम के संदर्भ में चर्चा की गई।’’

इममें कहा गया कि दोनों पक्षों ने बहुपक्षवाद और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को लेकर गहरी प्रतिबद्धता साझा की जबकि संयुक्त राष्ट्र में तुरंत सुधार के महत्व को दोहराया।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ हम समुद्री नौहवहन के मुद्दे पर मिलकर काम करेंगे। यूक्रेन की स्थिति, भूमध्यसागरीय और यूरोपीय संघ पर अंतदृष्टि से लाभान्वित हुए।’’

डेनडियस ने कहा, ‘‘हमारी इच्छा संबंधों को रणनीतिक बनाने की है। हम बहुत से चीजें बहुत समान पाते हैं।’’

इस दौरे के दौरान वर्ष2022 से 2026 के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान के लिए भी समझौते पर दस्तखत किए गए।

विदेश मंत्रालय ने बताया कि यूनानी विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के मसौदा समझौते की पृष्टि दस्तावेज भी सौंपे।