चीन में कोरोना से मचा हाहाकार,स्थिति बेकाबू, लोगों ने उठाया ये कदम

अंतरराष्ट्रीय
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चीन में लॉकडाउन हटते ही कोरोना विस्फोट अपने चरम पर है. महामारी रोकने के लिए सरकार की ओर से फटाफट फैसले लिए जा रहे हैं। नाराज चीनी नागरिक सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
रैपिड टेस्ट किट की भारी कमी के बीच सरकार ने झेजियांग , अनहुई और चोंगकिंग जैसे कई प्रांत में नई नीति के तहत हल्के लक्षणों वाले या बिना लक्षण वाले लोगों को वापस काम पर लौटने का निर्देश जारी किया है. जिसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी दिखाई है।
Just look at how Covid Infected children are inhumanely treated in China… #COVID #chinacovid #COVID19 #coronavirus #China #CovidIsNotOver #CovidIsntOver #Corona #Covid_19 pic.twitter.com/Jiy3EFRF82
— Jyot Jeet (@activistjyot) December 22, 2022
कोविड जीरो पॉलिसी को लेकर भारी विरोध के बाद सरकार ने क्वारंटाइन और आइसोलेशन प्रोटोकॉल समेत कई सख्त प्रतिबंधों को हटा दिया था. प्रोटोकॉल हटाने के बाद से ही चीन में हालात बेकाबू है।
ट्विटर की तरह ही चीन के सोशल मीडिया वीबो (Weibo) पर लोगों ने नई नीति से संबंधित हैशटैग का यूज करते हुए अपना विरोध जताया है. इस निर्णय से लोग हैरान और गुस्से में हैं. इस हैशटेग को तीन करोड़ से ज्यादा बार पढ़ा गया है।
वीबो पर एक यूजर ने लिखा है, “पिछले तीन सालों में सरकार ने कोविड से लड़ने की कोई तैयारी नहीं की और अचानक से कोविड प्रतिबंध हटा दी. उसके बाद आपके बीमार होने पर सरकार की तरफ से काम पर जाने की अनुमति दी जा रही है. सरकार के लिए हमारा जीवन चींटियों की तरह बेकार है.”
Long queues to receive treatment in Shenzhen, SouthEastern China… #COVID #chinacovid #COVID19 #coronavirus #China #CovidIsNotOver #CovidIsntOver #Corona pic.twitter.com/Wtx4ZLrFCz
— Jyot Jeet (@activistjyot) December 23, 2022
एक अन्य यूजर ने टिप्पणी करते हुए लिखा है, “कुछ महीने पहले ही कोविड पॉजिटिव लोगों को काम पर जाने के कारण गिरफ्तार किया गया था और आज इस हालात में सरकार काम पर जाने की अनुमति दे रही है.” इस टिप्पणी को लगभग एक हजार लोगों ने लाइक किया है।
यहां तक कि विदेश से आए चीनी नागरिक भी कोरोना की इस रफ्तार से हैरान हैं. विदेश से लौटे एक नागरिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Xiaohongshu पर लिखा है, “मैं पिछले कई सालों से विदेश में रह रहा हूं और मुझे वहां कभी भी कोविड नहीं हुआ. लेकिन वापस चीन आने के कुछ दिनों बाद ही मुझे कोविड हो गया. मैं जितने लोगों को जानता हूं, लगभग सबको बुखार और कोरोना है.” यूजर ने लिखा है कि अगर आप देश से बाहर हैं तो फिलहाल वापस ना आएं तो ही बेहतर है।
पिछले दो सप्ताह से चीनी इंटरनेट मीडिया पोस्ट इसी से भरा हुआ है कि लोग वायरस की चपेट में आने के बाद किस तरह से जूझ रहे हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हैं जिसमें छोटे बच्चों को अपने बीमार माता-पिता के लिए भोजन और पानी लाते हुए देखा जा सकता है।
कुछ लोग रचनात्मक तरीके अपनाते हुए अपने परिवार को संक्रमित होने से बचाने के लिए घर में रहते हुए सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं. दवाओं की देशव्यापी किल्लत को देखते हुए मीडिया ने भी इस तरह की कहानियों को बढ़ाने की कोशिश की है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर ऐसे अनगिनत वीडियो हैं जिनमें लोग बिना जरूरत की दर्दनिवारक दवाएं खरीद कर जरूरतमंद लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
वहीं, अस्पताल लोगों से चिकित्सा कर्मियों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करने का आह्वान कर रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मियों और लोगों के बीच जुड़ाव स्थापित करने के लिए न्यूज वेबसाइट द पेपर ने एक खबर छापी है जिसमें चेंगदू प्रांत के एक व्यक्ति और सरकारी अस्पताल के ऑपरेटर के बीच फोन पर हुई बातचीत को छापा है।

चीन की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में अक्सर सरकार विरोधी खबरों के विपरीत सिर्फ अच्छी खबर को ही ट्रेंडिंग की सूची जगह दी जाती रही है. पिछले 24 घंटों में भी चीनी सोशल मीडिया पर #PersistentDoctors&NursesWorkHard ट्रेंड के साथ सरकारी मीडिया फ्रंट-लाइन मेडिकल वर्कर के योगदान की प्रशंसा कर रहे हैं.
लेकिन साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट पिछले सप्ताह से ही चीन की पोल खोल रहा है कि कैसे बेहतर वेतन और सुरक्षा की मांग कर रहे मेडिकल छात्र नए सिरे से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. चीन के सरकारी मीडिया में इस विरोध प्रदर्शन का कोई उल्लेख नहीं है. यह विरोध और न बढ़े इसके लिए विरोध प्रदर्शनों की फोटो और वीडियो को चीन लगातार सेंसर कर रहा है.

The store room, boiler room and corridor of a hospital in China are full of dead bodies of people who died because of corona.#COVID19 #CovidIsNotOver #China #Lockdown #新冠肺炎 #中國 #封鎖 pic.twitter.com/veRG33RX7I
— Chaudhary Parvez (@ChaudharyParvez) December 23, 2022
सोशल मीडिया को कंट्रोल करने की कोशिशों के बावजूद चीन की पोल खुल रही है. अस्पतालों के बाहर मरीजों की लंबी कतार और डॉक्टरों पर दबाव होने के कारण हजारों रिटायर्ड चिकित्साकर्मियों को वापस बुलाया गया है।
चीन के कई प्रमुख शहरों ने इस बात को स्वीकार किया है कि कुछ दिनों से आपातकालीन सेवाओं के लिए कॉल की संख्या काफी बढ़ गईं हैं. लोगों से आग्रह किया गया है कि जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो, कॉल न करें।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म वीबो पर कई ऐसी तस्वीरें वायरल हैं जिसमें थके हुए और अपने डेस्क पर सोते हुए चिकित्साकर्मियों को देखा जा सकता है.
एक वायरल वीडियो में एक व्यक्ति घुटनों के बल बैठकर अपने बच्चे के इलाज के लिए क्लिनिक में भीख मांग रहा है. जिसके जवाब में डॉक्टर कहता है, “मैं आपकी कोई मदद नहीं कर सकता. यहां 6-8 घंटे की लंबी कतार है और बच्चे, बुजुर्ग हर कोई इंतजार कर रहा है. इस वीडियो को एक करोड़ बार देखा गया है।